कुलपति डा. सुनील जोशी ने बताया कि काउंसलिंग संबंधी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। जिन छात्रों ने नीट क्वालिफाई किया होगा, वही आयुष काउंसिलिंग में हिस्सा ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि आल इंडिया कोटा की 15 प्रतिशत सीटों के लिए काउंसलिंग आयुष ऐडमिशन सेंट्रल काउंसलिंग कमेटी करती है, जबकि राज्य कोटा की सीटों के लिए आयुर्वेद विवि केंद्रीयत काउंसलिंग का आयोजन करता है। कुलपति के अनुसार, नीट की मेरिट के आधार पर प्रवेश के लिए अर्ह अभ्यर्थी 20 फरवरी से ऑनलाइन पंजीकरण कर पाएंगे।
उन्होंने बताया कि राज्य में तीन सरकारी आयुर्वेद कालेज हैं। इनमें विविद्यालय का मुख्य परिसर, गुरुकुल व ऋषिकुल आयुर्वेद कालेज शामिल है। इसके अलावा निजी कालेजों में 16 आयुर्वेद कालेज, दो होम्योपैथिक और एक यूनानी कालेज है। दो निजी आयुर्वेद कालेज की मान्यता अभी नहीं आई है। जबकि एक कालेज को इस बार मान्यता नहीं मिली है।
उत्तराखंड आयुर्वेद विवि यूजी पाठक्रम के साथ ही एमडी, एमएस में दाखिले के लिए भी काउंसलिंग शुरु करने जा रहा है। काउंसलिंग प्रक्रिया 18 फरवरी से शुरू होगी। आयुष पीजी में प्रवेश के लिए छात्रों को आल इंडिया आयुष पोस्ट ग्रेजुएट एंट्रेंस टेस्ट (एआइएपीजीईटी) देना होता है। इसी परीक्षा में प्राप्त रैंक के आधार पर कालेजों में सीट मिलती है। आयुर्वेद विवि केंद्रीयत काउंसलिंग के तहत सीट आवंटित करेगा। राज्य में गुरुकुल व ऋषिकुल आयुर्वेद कालेज के अलावा तीन निजी संस्थान में आयुर्वेद पीजी होता है।