जहर से कम नहीं खाने में रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल,बिमारियों को देता है न्यौता

नई दिल्ली। इन दिनों लोगों के खानपान और रहन-सहन में काफी बदलाव हो चुका है। पुराने समय में जहां खाने के लिए सरसों का तेल या घी इस्तेमाल किया जाता था, तो वहीं अब रिफाइंड ऑयल ने लोगों के किचन में अपनी जगह बना ली है। इन दिनों ज्यादातर लोग खाने के लिए रिफाइंड ऑयल का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। कम समय में ही लोगों के बीच काफी प्रचलित हो चुका रिफाइंड ऑयल आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है। अगर आप भी अपने खाने में नियमित रूप से रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह आपके और आपके परिवार के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए अब रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करने से पहले इससे होने वाले नुकसानों के बारे में जरूर जान लें-तेल का शुद्ध रूप चिपचिपा और गंध वाला होता है। ऐसे में रिफाइंड ऑयल को बनाने के दौरान इसमें मौजूद गंध को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है। इसमें मौजूद ये गंध ही प्रोटीन कंटेंट होती है, जिसे निकालने की वजह से रिफाइंड ऑयल में प्रोटीन की मात्रा खत्म हो जाती है। ऐसे में नियमित तौर पर इसके सेवन से शरीर में प्रोटीन की कमी हो सकती है।रिफाइंड ऑयल को बनाने की प्रोसेसे के दौरान इसमें से सिर्फ गंध ही नहीं बल्कि इसकी प्राकृतिक चिकनाई भी निकाल दी जाती है। ऐसे में बिना चिकनाई वाला तेल इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी परेशानियां होने लगती हैं, जिसमें झर्रियां, रूखापन और मुंहासे आदि शामिल है।हमारे शरीर के सही तरीके से काम करने के लिए इसमें फैटी एसिड होना बेहद जरूरी है। लेकिन रिफाइंड ऑयल के इस्तेमाल से शरीर में फैटी एसिड की कमी हो सकती है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से आपको छोटी उम्र में जोड़ों और कमर में दर्द की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं इसकी वजह से आप में आंख, दिल और दिमाग से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है।रोजाना खाने में रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल करने से शरीर को एचडीएल यानी के हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन नहीं मिल पाता है। इसकी वजह से लोगों में हार्ट संबंधी बीमारियों की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है।

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