पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी संविधान को खत्म करने की कही बात, व्हाइट हाउस ने की निंदा

वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में 2024 के चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा की जिसके बाद से वे सुर्खियों में बने हुए है। ट्रंप विपक्ष पर लगातार निशाना भी साध रहे है। इसी को देखते हुए अब उन्होंने वर्ष 2020 के राष्ट्रपति चुनाव का मामला एक बार फिर से उठा दिया है। ट्रंप ने वर्ष 2020 में अपनी जीत का झूठा दावा करते हुए अब संविधान को खत्म करने की बात कर रहे है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए वर्ष 2020 के चुनाव को धोखाधड़ी करार दिया है और अमेरिका के संविधान को नष्ट करने का आह्वान किया है।ट्रंप के इस बयान से अब अमेरिका की राजनीति में सियासी घमासान शुरू हो गया है। ट्रंप ने न केवल संविधान को खत्म करने की बात की बल्कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी टेक कंपनियों पर भी बड़े आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी टेक कंपनियां डेमोक्रेट्रिक पार्टी के साथ मिल गई थी और उनके खिलाफ हो गई थी। डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट जारी किया था, जिसमें उन्होंने अपनी जीत के झूठे दावे को दोहराते हुए कहा कि 2020 का राष्ट्रपति चुनाव ट्रंप ने जीता था। बिग टेक कपंनियों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया कि डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर टेक कंपनियां उनके खिलाफ हो गई। ट्रंप ने मांग की कि अमेरिकी संविधान को खत्म कर देना चाहिए। उनके इस बयान से अमेरिकी राजनीति में हलचल मच गई है।डेमोक्रेटिक नेता हकीम जेफ्रीस ने रविवार को ट्रंप के बयान को अजीब और अतिवादी बताया और कहा कि रिपब्लिकन को चुनाव करना होगा कि ट्रंप के लोकतंत्र विरोधी विचारों को जारी रखना है या नहीं। ट्रम्प की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, ओहायो के माइक टर्नर, हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के शीर्ष रिपब्लिकन, ने कहा कि वह ट्रंप के बयान से असहमत हैं और इस टिप्पणी की निंदा करते हैं।

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