देहरादून। उत्तराखंड शासन द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार राज्य विधानसभा का बजट सत्र आगामी 13 मार्च से गैरसैंण में आहूत किया जाएगा। बजट सत्र की अवधि 13 से 18 मार्च तक होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार होली के बाद 13 मार्च से गैरसैंण में आयोजित होने वाले बजट की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी तथा 14 मार्च को धन्यवाद प्रस्ताव लाया जाएगा। वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल 15 मार्च को सदन में बजट पेश करेंगे। जिसके बाद बजट पर चर्चा होगी। हालांकि इस बजट सत्र की अवधि 6 दिन रखी गई है लेकिन अब तक गैरसैंण में आयोजित किसी भी सत्र के पूरी अवधि तक न चलने और तय समयावधि से पूर्व ही सत्र के समापन की परंपरा देखी गई है। लेकिन सरकार का कहना है कि इस बार बजट सत्र अपनी पूरी तरह अवधि तक चलेगा।
गैरसैंण में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार व वर्तमान सरकार द्वारा 1 साल से अधिक समय से किसी भी सत्र का आयोजन नहीं किया गया है। विगत समय में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा यहां विधानसभा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने एक और नई कमिश्नरी बनाने और गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने जैसे फैसले लिए जिन पर उठे विवाद के कारण यह सत्र न सिर्फ अपनी समयावधि से पूर्व ही समाप्त हो गया था, वही त्रिवेंद्र सिंह रावत गैरसैंण से सीधे दिल्ली तलब कर लिए गए और राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की त्रासद स्थिति पैदा हो गई थी।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कांग्रेस गैरसैंण की उपेक्षा के मुद्दे पर वर्तमान भाजपा सरकार की घेराबंदी करती रही है तथा गैरसैंण में सत्र के आयोजन न किए जाने को लेकर भाजपा को कटघरे में खड़ा करती रही है। अभी धामी की वर्तमान सरकार का जब पहला सत्र दून में आयोजित किया गया था उससे पहले भी सत्र गैरसैंण में कराने की मांग जोर शोर से उठाई गई थी।
सरकार ने पहले सत्र गैरसैंण में कराने का मन भी बनाया था किंतु एन वक्त पर निर्णय पलट दिया गया और दून में ही सत्र कराया गया था। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने जब गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया है तो फिर गैरसैंण विधानसभा में विकास कार्य क्यों नहीं कराए जा रहे हैं और क्यों सरकार यहां विधानसभा सत्र के आयोजन से बचना चाहती है।