मरीजों और गर्भवती महिलाओं के लिए आपातकालीन स्थिति में हेली एम्बुलेंस की व्यवस्था
मौसम के पूर्व चेतावनी के आधार पर लोगों को नियमित अलर्ट मोड पर रखें
देहरादून। 15 जून से पहले मानसून की सभी तैयारियां पूर्ण की जाय। सभी विभाग 15 जून तक आपदा प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती करना सुनिश्चत करें। एसटीपी प्लांट और पुराने पुलों का सेफ्टी आडिट किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि बिजली की तारों से कोई घटना घटित न हो। मानसून सीजन में मरीजों और गर्भवती महिलाओं के लिए आपातकालीन स्थिति में हेली एम्बुलेंस की व्यवस्था रखी जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी मानसून की तैयारियों की बैठक के दौरान यह निर्देश अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से पिछले सालों में क्या चुनौतियां सामने आई और किन-किन क्षेत्रों में अधिक आपदाएं आई और इस तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए शासन और जनपद स्तर पर क्या तैयारियां की गई हैं, इसका पूरा एक्शन प्लान प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मौसम के पूर्वानुमान की सटीक जानकारी लोगों तक समय पर पहुंचे। मौसम के पूर्व चेतावनी के आधार पर लोगों को नियमित रूप से अलर्ट मोड पर रखें। उन्होंने कहा कि मौसम के पुर्वानुमान और जन जागरूकता से अतिवृष्टि और आपदा के प्रभाव को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपदों में ऐसे क्षेत्र जहां भू-स्खलन की समस्याएं रहती हैं, उन्हें चिह्नत कर जो भी आवश्यक व्यवस्थाएं करवाने की आवश्यकता है, समय पर की जाए, जिन क्षेत्रों में बरसाती नदी और नाले उफान पर आते हैं, उनके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्थाओं के लिए अभी से प्लान बना कर रखे जाएं। मानसून के दृष्टिगत विभिन्न कायरे के लिए शासन स्तर से जो धनराशि की आवश्यकता है, उसका यथाशीघ्र प्रस्ताव भेजा जाए। अतिवृष्टि के कारण फसलों को होने वाले नुकसान का आकलन कर मानकों के अनुसार यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति की व्यवस्था रखी जाए।
मानसून अवधि में सभी जिलाधिकारी मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार अपने जनपदों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार छुट्टी की घोषणा करें, स्कूल जाने के पैदल मागरे में नदी और नाले वाले स्थानों पर वैकल्पिक मार्ग तलाशे जाएं।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख वन संरक्षक डा.धनंजय मोहन, सचिव आर मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, दिलीप जावलकर, सचिन कुव्रे, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आर राजेश कुमार, एसएन पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, वचरुअल माध्यम से कुमांऊ कमिश्नर दीपक रावत और सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।