सीएम की कड़ी निगरानी और डीएम रुद्रप्रयाग के नेतृत्व में एक्टिव रहा सिस्टम
भीमबली, रामबाड़ा, लिंचोली में फंसे 425 यात्रियों को किया गया एयरलिफ्ट
रुद्रप्रयाग। जिले में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला पुलिस और जिला प्रशासन के बेहतर समन्वय से केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भीमबली, रामबाड़ा, लिंचोली में फंसे करीब 425 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया है। इसके अलावा पैदल यात्रा मार्ग में सोनप्रयाग और भीमबली के बीच फंसे डेढ़ हजार यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग बनाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
बुधवार रात को केदारनाथ धाम से निकलने वाली मां मंदाकिनी नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया, जिस कारण केदारनाथ में डेढ़ हजार श्रद्धालुओं के साथ ही पैदल मार्ग के विभिन्न पड़ावों में तीर्थयात्री फंस गए। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड़ में था, जिससे सभी तीर्थयात्रियों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया। केदारनाथ पैदल मार्ग के रामबाड़ा में दो पुलिया मंदाकिनी नदी की भेंट चढ़ गए, जबकि कई जगहों पर पैदल मार्ग ध्वस्त हो गया। इसके अलावा पैदल मार्ग के विभिन्न जगहों पर मलबा और बोल्डर भी आया हुआ है, जिस कारण तीर्थयात्री जगह-जगह फंस गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और डीएम सौरभ गहरवार ने नेतृत्व में चले रेस्क्यू अभियान में डेढ़ हजार से अधिक श्रद्धालुओं को पैदल मार्ग से सुरक्षित निकाला गया, जबकि 425 श्रद्धालुओं को लिनचोली में अस्थाई हेलीपैड तैयार कर एयरलिफ्ट किया गया। डीएम सौरभ गहरवार बृहस्पतिवार प्रात: ही रेस्क्यू अभियान में जुट गए थे और देर रात तक तीर्थयात्रियों की मदद में जुटे रहे। डीएम सौरभ गहरवार हेलीकॉप्टर से लिनचोली पहुंचे, जहां उन्होंने श्रद्धालुओं को पूर्ण विास दिलाते हुए कहा कि जल्द ही उन्हें एयरफ्टि किया जाएगा। इसके बाद डीएम सौरभ गहरवार ने केदारनाथ हाईवे के सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच ध्वस्त हुए राजमार्ग का जायजा लिया। यहां पर चलाए जा रहे रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया और तीर्थयात्रियों से संयम बरतने की अपील की। डीएम को सुबह सवेरे अपने पास देखकर तीर्थयात्रियों में खुशी देखने को मिली।