केदारनाथ की यात्रा हेली से शुरू होने पर जताया आभार

ऊखीमठ। केदारघाटी में विगत 31 जुलाई की रात्रि को आई भीषण आपदा के बाद त्वरित गति से राहत व बचाव कार्य होने तथा हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होने पर बद्री केदार मन्दिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने केन्द्र व प्रदेश सरकार, जिला व तहसील प्रशासन, आपदा प्रबंधन सहित राहत व बचाव कायरे में लगी विभिन्न एजेन्सियों, व्यापार संगठनों व राहत व बचाव कायरे में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले जनमानस का आभार व्यक्त किया है।

श्रीनिवास पोस्ती ने कहा कि 31 जुलाई की रात्रि को केदारनाथ यात्रा मार्ग के मध्य भीमबली व लिनचोली के बीच बादल फटने से बहुत ज्यादा भूस्खलन हो गया था, जिसमें हजारों तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम, रामबाड़ा, भीमबली व लिंचोली आदि जगहों पर फंस गये थे और उस दिन मानो यूं लग रहा था कि इस काले खौफनाक मंजर से शायद ही कोई बचकर निकल आयेगा, मगर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यकुशलता का परिणाम है कि सभी लोगों को बिना समय गंवाए रेस्क्यू किया गया और सबको सकुशल सेफ जोन में लाया गया।

गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे, रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी सौरभ गहरावर, सीईओ बीकेटीसी योगेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक विशाखा भरने, गढ़वाल रेंज आईजी करन सिंह नगन्याल का भी बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार जताया। जिनकी अति कार्यकुशल प्रशासनिक सेवाओं के बिना इस रेस्क्यू अभियान का सफल होना असम्भव था। इसमें देवदूत बनकर सेवा में लगे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस बल व सेना के जवानों का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी एक एक तीर्थयात्री को सकुशल रेस्क्यू करते रहे।

भारतीय वायु सेना के वायुदूतों ने भी खराब मौसम के बाद भी चिनूक एवं एमआई-17 के माध्यम से इस पूरे रेस्क्यू को सफल अंजाम तक पहुंचाया गया। श्रीनिवास पोस्ती ने कहा कि इस संकट की घड़ी में ग्राम चौमासी के लोगों द्वारा प्रशासन का पूरा सहयोग देते हुए सभी फंसे यात्रियों को मुफ्त में रहने व खाने की व्यवस्था की गई, जो यह दिखाता है।

उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि चौमासी से रामबाड़ा तक जल्द से जल्द मोटर मार्ग बनाया जाए और चौमासी को अंतिम गांव के बदले केदार घाटी का प्रथम गांव घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि  केदारसभा, बीकेटीसी एवं सम्पूर्ण तीर्थ समाज द्वारा केदारनाथ में फंसे यात्रियों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया और मुफ्त आवासीय व्यवस्था प्रदत की गयी।

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