गर्भवती ने बीच रास्ते में दो नवजात जन्मे, एक की मौत

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महिला ने दुकान की एक गैलरी में दिया बच्ची को जन्म
बड़कोट। यमुनोत्री धाम से लगे राना चट्टी अस्पताल में समय पर उचित सुविधा न मिलने पर शनिवार को एक गर्भवती महिला को दुकान की गली में ही नवजात को जन्म देना पड़ा। नवजात की मौके पर ही मौत हो गई। महिला ने एक और बच्चे को 108 वाहन के भीतर अस्पताल जाते हुए रास्ते में जन्म दिया। दूसरी बच्ची व गर्भवती सुरक्षित है। जच्चा-बच्चा को सुरक्षा के लिहाज से देहरादून रेफर किया गया है।

जानकारी के अनुसार यमुनोत्री क्षेत्र से लगे गीठ पट्टी के बनास गांव की 21 वर्षीय नीलम पत्नी महेश को प्रसव पीड़ा हुई। प्रसव पीड़ा होते ही परिजनों ने 108 को फोन किया। लेकिन जब तक 108 पहुंचती इससे पूर्व ही वह राना चट्टी पहुंचे। जहां उन्होंने राना चट्टी एएनएम सेंटर में महिला को भर्ती कराया। लेकिन बताया गया कि उन्हें वहां एएनएम नहीं मिली।

इसके बाद वह महिला को लेकर एक बस में सवार हुए और बड़कोट को निकले। जहां रानाचट्टी के पास महिला की प्रसव पीड़ा ज्यादा बढ़ गई और वह बस से उतरी और पास के दुकान में बैठ गई। जहां पर उसने पहले बच्चे को जन्म दिया। जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने 108 की मदद से उसे बड़कोट सीएससी के लिए रवाना करवाया, जहां स्याना चट्टी के पास पहुंचते ही महिला ने 108 के अंदर ही दूसरे बच्चे को भी जन्म दे दिया।

इसके बाद बड़कोट सीएचसी पहुंचते ही उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां प्राथमिक उपचार करने के बाद दोपहर में उन्हें हायर सेंटर देहरादून रेफर किया गया है। सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा अंगद सिंह राणा ने बताया समय से पहले ही महिला की डिलीवरी हो गई। इस कारण एक बच्ची की मौत हो गई।

महिला के पेट में पहले से दो बच्चे थे। दूसरी बच्ची और मां अभी ठीक है। दोनों को उचित देखभाल के लिए दून रेफर किया है। वहीं, क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता महावीर पंवार, मुकेश चौहान ने सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े किए और क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ करने की मांग की है।

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