एनएचएम के संविदा कर्मियों ने निकाली आक्रोश रैली

नियमितिकरण व समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर सचिवालय कूच
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार से हुई वार्ता, मिला सकारात्मक आासन
देहरादून। नियमितीकरण और समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के संविदा कर्मियों ने सोमवार को सचिवालय कूच किया। हालांकि पुलिस ने सचिवालय से पहले बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। जिसके बाद एनएचएम संविदा कर्मी बैरिकेडिंग के पास ही धरने पर बैठ गए। बाद में संगठन पदाधिकारियों को स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने वार्ता के लिए बुलाया। जिसमें उन्हें मांगों के समाधान के लिए सकारात्मक आासन दिया गया।इससे पहले एनएचएम संविदा कर्मी परेड मैदान में एकत्र हुए और आक्रोश रैली निकालकर सचिवालय कूच किया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी के नेतृत्व में सचिवालय कूच कर रहे संविदा कर्मियों का कहना था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत करीब पांच हजार संविदा कर्मी वर्ष 2005 से विभिन्न कार्यक्रमों में अल्प मानेदय पर काम कर रहे हैं।

वह पिछले एक दशक से नियमितीकरण, सेवा सुरक्षा और समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी अपनी समास्याओं के निराकरण के लिए विभिन्न स्तर पर  गुहार लगाते आए हैं। लेकिन उनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं किया जा रहा। जबकि एनएचएम संविदा कर्मियों के अथक प्रयासों से राज्य में स्वास्थ्य सूचकांको में निरंतर सुधार हुआ है।

कहा कि एनएचएम संविदा कर्मचारियों की मांग पर शासन ने एनएचएम कार्मिकों के लिए जन स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के गठन का प्रस्ताव विभाग से मांगा था। पर विभागीय अधिकारियों की शिथिलता के कारण यह प्रकरण अभी तक लंबित है। कहा कि हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान व मणिपुर की सरकारों ने एनएचएम संविदा कर्मियों को समान कार्य के लिए समान वेतन लागू कर दिया है।

साथ ही राजस्थान और मणिपुर में संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ दिया गया है। लेकिन उत्तराखंड सरकार ने एनएचएम के संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण के लिए नियमावली तक नहीं बनाई है। जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है। उधर, सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव के साथ हुई वार्ता में एनएचएम संविदा कर्मियों को आासन दिया गया है कि पत्रावली मंगाकर और उसका परीक्षण कर उनकी मांगों पर अग्रिम निर्णय लिया जाएगा।

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