देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगामी वि दिव्यांग दिवस तक सभी दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकतानुसार सभी जिलों में स्पेशल कैंप लगाकर निशुल्क उपकरण उपलब्ध कराए जाने एवं दिव्यांग विद्यार्थियों को नि:शुल्क ऑनलाइन आईएएस कोचिंग की व्यवस्था कराए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा मंगलवार को वि दिव्यांग दिवस के अवसर पर सुभाष रोड स्थित वैडिंग प्वाइंट में आयोजित दिव्यांग राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 89 दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों, खिलाड़ियों एवं स्वत: रोजगार रत दिव्यांगजनों व उनके सेवायोजकों को राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया, जिसमें 25 दक्ष दिव्यांग कर्मचारी, 32 दक्ष दिव्यांग खिलाड़ी, 30 स्वत: रोजगार रत दिव्यांगजन एंव 2 दिव्यांगजनों के सेवायोजक सम्मिलित थे।
मुख्यमंत्री ने वि दिव्यांग दिवस के अवसर पर पुरकृस्त होने वाले सभी उत्कृष्ट एवं दक्ष दिव्यांगजनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का यह माहौल हम सभी के लिए किसी भी प्रेरणा से कम नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के उन दिव्यांग नायकों को सम्मानित कर रहे हैं, जिन्होंने अपने आत्मविास, धैर्य और साहस से न केवल अपना जीवन बदला है बल्कि दिव्यांगों के प्रति समाज की सोच और दृष्टिकोण को भी बदलने का काम किया है। सभी दिव्यांगजनों ने अपनी शारीरिक परिस्थिति को एक चुनौती के रूप में लेकर न केवल अपने सपनों को साकार किया है, बल्कि समाज को प्रेरित करने का कार्य भी किया है।
दिव्यांगजनों के साहस व समर्पण की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकारी दफ्तरों से लेकर खेल के मैदान तक प्रत्येक जगह हमारे दिव्यांग भाई-बहन अपनी क्षमता का लोहा मनवा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश में दिव्यांगजनों के लिए अनेकों कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने देश में ‘दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016’ को लागू किया, जिसमें दिव्यांगता के प्रकारों को 7 से बढ़ाकर 21 किया गया। आज इस ऐतिहासिक परिवर्तन से दिव्यांगजनों के दैनिक जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए प्रत्येक स्तर पर सुविधाओं को बढ़ाने का काम कर रही है। आज जब भी हम कोई अस्पताल, बस अड्डा जैसी सार्वजनिक इमारत बनाते हैं तो उसमें इसका विशेष ध्यान रखा जाता है कि हमारे दिव्यांग भाई-बहनों को आने जाने में किसी भी प्रकार की कोई असुविधा ना हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को प्रतिमाह 1500 रुपये पेंशन तथा जन्म से दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को 18 वर्ष तक प्रतिमाह 700 रुपए का भरण-पोषण अनुदान दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य करने के दौरान दुर्घटनावा दिव्यांग हो जाने पर 1200 रूपए प्रतिमाह की पेंशन दी जा रही है। 21 वर्ष की आयु होने के बावजूद 4 फीट से कम लंबाई वाले व्यक्तियों को भी 1200 रूपए प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।
दिव्यांगजनों को विशिष्ट पहचान पत्र जारी कर सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही दिव्यांगजन से विवाह करने पर 25 हजार रुपए की धनराशि दिव्यांग दंपत्ति को प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जा रही है। दिव्यांग बच्चे और अभिभावकों के बच्चों को भी छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग या उपकरण खरीदने के लिए 7 हजार रुपए की धनराशि भी एकमुत प्रदान की जा रही है।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सचिव समाज कल्याण नीरज खैरवाल, निदेशक एवं आयुक्त दिव्यांगजन प्रकाश चंद्र, अपर सचिव गौरव कुमार के साथ ही काफी संख्या में अन्य लोग मौजूद थे।