कांबीना मंत्री अग्रवाल के विवादित बयान के बाद भाजपा और कांग्रेस आमने- सामने

लपेटे में आये सीएम धामी, भट्ट व खण्डूरी
देहरादून। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल की विवादित टिप्पणी को लेकर जो विवाद तीन दिन पहले शुरू हुआ था वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस विवाद को लेकर जहां आम आदमी और कुछ सामाजिक संगठनों की व्रिफया प्रतिक्रियाएं लगातार सामने आ रही हैं वह अब भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच तू-तू, मैं-मैं में शुरू हो गयी है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट द्वारा कांग्रेस पर इस मामले को तूल देने का आरोप लगाया जाने और मुख्यमंत्री से मिलकर सोशल मीडिया पर शिकंजा कसने की बात कहे जाने पर कांग्रेस नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

उल्लेखनीय है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा था कि वह देख रहे हैं कि कुछ कांग्रेस के नता इसे लेकर माहौल खराब कर रहे हैं तथा कुछ यूट्बर भी जनता को भडका रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस नेताओ को नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह की मानसिकता ठीक नहीं है। उन्होंने भडकाऊ खबरें फैलाने वालों के बारे में सीएम धामी से बात करने की तथा उनके खिलाफ कार्यवाही की बात भी कही थी।

महेन्द्र भट्ट के इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महरा का कहना है कि उनके मंत्री मारपीट करें और पहाड के लोगों को गाली दें उनपर कार्यवाही करने के बजाय महेन्द्र भटट कांग्रेसियों को नसीहत दें और धमकाये यह कौन सी बात है।

उन्होें कहा कि निकाय चुनाव की हार के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं उधर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भट्ट ने भटट के बयान पर और तीखी प्रतिव्रिफया देते हुए कहा कि महेन्द्र भटट और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चुनौती देते हैं वह पहाड केक स्वाभिमान की रक्षा की बात करने वाले किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही करके दिखाये। उन्होने अगर पहाड का पानी पीया है तो हम पहाड का पीकर ही बडे हुए हैं अग्रर किसी के खिलाफ भी कोई कार्यवाही हुई तो वह उसके साथ खडे होंगे चाहे उन्हें अपनी कुंडी तक बेचनी पड जाए।

उनका साफ कहना है कि उनके खिलाफ कार्यवाही करने की तो उनमें हिम्मत है नहीं जो पहाड और पहाड के लोगों का अपमान कर रहे हैं। इस मामले कीलपटे अब विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी से लेकर सीएम धामी व भटट तक भी पहुंचने लगी है जो इस मामले के दोषियों पर कार्यवाही करने के बजाये इस दबाने व रफादफा करने में जुटे हैं।

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