देहरादून। पूर्व प्रधानाचार्य श्यामलाल की हत्या के आरोपी दम्पत्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जिनको न्यायालय में पेश किया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
शुक्रवार को यहां इसकी जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि सुश्री निधि राठौर पुत्री श्याम लाल निवासी पीठावाला, चंद्रमणी पटेलनगर देहरादून द्वारा थाना कोतवाली पटेलनगर पर गुमशुदगी दर्ज करायी कि उनके पिता श्याम लाल गुरुजी अपनी बाइक से बिना बताए घर से कहीं निकल गये थे, जिन्हे उनके द्वारा अपने सभी रिश्तेदारो के यहाँ व संभावित स्थानों पर तलाशा गया, पर कोई जानकारी नहीं मिल पाई।
गुमशुदगी मामले में पुलिस को सीसी कैमरे खंगालने पर पता चला कि गुमशुदा श्यामलाल घर से निकलकर बाइक द्वारा किशन नगर चौक होते हुए एक महिला गीता के घर के पास तक गया जो वापस नहीं आया। पुलिस ने सन्दिग्ध महिला गीता व उसके पति के सम्बंध में जानकारी जुटाई तो दोनों का अपने घर से फरार होना तथा दोनो के मोबाइल नंबरो का बंद होना पाया गया।
पुलिस द्वारा संदिग्ध महिला गीता के मायके देवबंद सहारनपुर में दबिश देते हुये उसके भाई अजय कुमार पुत्र रामपाल को हिरासत में लिया गया, जिससे पूछताछ में उसने गीता तथा उसके पति हिमांशु चौधरी द्वारा गुमशुदा श्याम लाल की हत्या करने तथा उसके द्वारा अपने बहनोई धनराज चावला निवासी कैलाशपुर कॉलोनी थाना देवबंद सहारनपुर के साथ शव को ठिकाने लगाने की बात बताई गई।
एसएसपी द्वारा दोनो दम्पति पर 25कृ25 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया था। पुलिस ने गीता को अमृतसर से गिरफ्तार किया। पूछताछ में गीता द्वारा बताया गया कि मृतक श्याम लाल से विगत 12 वर्षों से उसके अवैध सम्बन्ध थे, जिसके चलते वह पिछले 3 सालों से अपनी पुत्री के साथ अपने पहले पति से अलग रह रही थी। पैसों की तंगी को पूरा करने के लिये दोनो दम्पत्ति ने मृतक श्यामलाल की गीता के साथ अश्लील विडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर उससे पैसा ऐंठने की योजना बनाई।
2 फरवरी को गीता द्वारा मृतक श्याम लाल को फोन कर किराये पर लिये गये दूसर कमरे पर बुलाया गया, जहां हिमांशु चौधरी पहले से ही मौजूद था, जो छिपकर दोनो की अश्लील वीडियो बनाने की फिराक में था। कमरे में पहुंचने के बाद मृतक श्यमालाल को दोनो की योजना की भनक लगने पर वो जोरकृजोर से हल्ला करने लगा।
उन्होंने उसका मूंह बन्द कर दिया तथा गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। अगले दिन गीता द्वारा भाई अजय को तथा अपने बहनोई धनराज चावला को देवबंद सहारनपुर से देहरादून बुलाया। हिमांशु चौधरी द्वारा अन्य लोगों के साथ मिलकर मृतक श्यामलाल के शव के अलग-अलग टुकडे कर उन्हें रस्सी से बांधकर प्लास्टिक के अलग-अलग कटृों में डाल दिया।