दून में ऐतिहासिक श्री झंडेजी के आरोहण संग झंडा मेला शुरू

श्री गुरु राम राय महाराज व श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज के जयकारों से गूंजी द्रोणनगरी
देहरादून। श्री दरबार साहिब में दून का ऐतिहासिक श्री झंडेजी का आरोहण के साथ झंडा मेला शुरू हो गया। देश के विभिन्न राज्यों और विदेश से पहुंचे संगतों और श्रद्धालुओं की मौजूदगी में श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में 4 बजकर 19  मिनट पर श्री झंडे जी का आरोहण किया। खुशियां नाल मनाईये जन्मदिन सद्गुरु दा.., देखो देखों गुरां दा देखों झण्डा चढ़या.., श्री गुरु राम राय जी महाराज व श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के जयकारों के साथ बुधवार को 90 फीट ऊंचे श्री झण्डे जी का आरोहण किया गया। आस्था के महाकुंभ का साक्षी बनने के लिए श्री दरबार साहिब में बुधवार को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा।लाखों संगतें व दूनवासियों ने श्री झण्डे जी के सम्मुख श्रद्धा के साथ शीश नवाए व हाथ जोड़े खड़े रहे। हर कोई श्री झण्डा साहिब के समक्ष मत्था टेकने और श्री गुरु राम राय जी महाराज के दर्शन को श्रद्धापूर्वक भावविभोर रहा। श्री दरबार साहिब परिसर व आसपास के क्षेत्रों में पैर रखने की जगह नहीं थी। जैसे-जैसे श्री झण्डे जी पर गिलाफ के आवरण चढ़ाने का क्रम बढ़ता जाता, संगतों व दूनवासियों का उत्साह भी पराकाष्ठा तक पहुंचता जाता। दर्शनी गिलाफ के चढ़ते ही व श्री झण्डे जी के आरोहण की प्रक्रिया प्रारंभ होते ही श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारों की ध्वनि तेज हो उठी।

बुधवार शाम 3:50 बजे जैसे ही श्री दरबार साहिब देहरादून के सज्जादे गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने आरोहण की प्रक्रिया शुरू करने का संदेश दिया, वैसे ही पूरी द्रोणनगरी श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारों से गूंज उठी। 4 बजकर 19 मिनट पर श्री झण्डे जी का आरोहण हुआ। संगतों व दूनवासियों ने श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारे लगाए व ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया। इसी के साथ देहरादून के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत श्री झण्डे जी मेले का विधिवत शुभारंभ हो गया।

इससे पूर्व बुधवार सुबह सूर्य की पहली किरण भी धरती पर नहीं पड़ी थी कि श्री दरबार साहिब परिसर एवं आस-पास का क्षेत्र के संगतों व दूनवासियों से खचाखच भर गया। श्री झण्डे जी को उतारने के लिए संगतें श्री झण्डे जी के नीचे एकत्र हो गईं। श्री झण्डे जी को उतरते व फिर चढ़ते देखना अपने आप में अद्भुत एवं अद्वितीय नज़ारा रहा। इस पुण्य को अर्जित करने के लिए देश-विदेश से आई संगतेें इस पावन बेला का साल भर बेसब्री से इंतजार करती हैं।

सुबह 7:00 बजे से ही विशेष पूजा अर्चना शुरू हुई। सुबह 8:30 बजे श्री झण्डे जी को उतारा गया और पूजा अर्चना की गई। श्री झण्डे जी (पवित्र ध्वज दण्ड) को संगतों ने सुबह दूध, घी, शहद, गंगाजल व पंचगब्यों से स्नान करवाया। 90 फीट ऊंचे श्री झण्डे जी पर पहले सादे और शनील के गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई। खास बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान श्री झण्डे जी को एक पल के लिए भी ज़मीन पर नहीं रखा जाता। संगतें अपने हाथों पर श्री झण्डे जी को थामे रहती हैं।

दोपहर करीब 1:30 बजे श्री झण्डे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई। यह दृश्य देखते हुए संगतों व दूनवासियों के श्रद्धाभाव आंखों से छलक आए। हर कोई दर्शनी गिलाफ को छूकर पुण्य अर्जित करने के लिए उत्सुक दिखा।

शाम 4 बजकर 10 मिनट पर नए मखमली वस्त्र और सुनहरे गोटों से सुसज्जित श्री झण्डे जी के आरोहण की प्रक्रिया आरंभ हुई। दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज के सज्जादे गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के दिशा-निर्देशन में श्री झण्डे जी के नीचे लगी लकड़ी की कैंचियों को थामे श्रद्धालुजन श्री झण्डे जी को उठा रहे थे। शाम 4 बजकर 19 मिनट पर श्री झण्डे जी का आरोहण हुआ। इस दौरान श्री दरबार साहिब परिसर व आसपास का पूरा क्षेत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारों से गूंज उठा।

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