देहरादून। प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी ने कहा कि तकनीक ने बच्चों का बचपन लील लिया है। मां-बाप अपने उत्तरदायित्व और जिम्मेदायिों से बचने के लिए खुद बच्चों को मोबाइल थमा देते है, जब बच्चा मोबाइल का आदि हो जाता है तो बच्चों पर दोषारोपण करते हैं। कहा कि यदि बचपन और जवानी सुधार लो बुढ़ापा खुद महक जाएगा।
रविवार को रेसकोर्स स्थित गुरू नानक इंटर कालेज में श्रीश्री बालाजी सेवा समिति की ओर से चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी ने माता-पिता को बच्चे का प्रथम गुरु बताते हुए कहा कि संस्कार और विकार दोनों का बीजारोपण बचपन से ही होता है। कई बार मां-बाप बच्चों के सामने खुद गलत कार्य करते हैं। साथ ही बच्चों की गलतियों और कमियों को ढकते रहते है। जब विकृति बड़े विकार का रूप ले लेती है, तब बच्चे पर दोषारोपण करते हैं।
उन्होंने कहा कि हीरा बनने के लिए कोयले की खदानों में रहना पड़ता है। संघर्ष को ही सफलता की सीढ़ी बताते हुए उन्होंने कहा बुढ़ापे की भक्ति ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि बच्चों के अंदर भक्ति बचपन से होगी तो वह आदर्श जीवन जीना सीखेंगे। बचपन और जवानी सुधार लो तो बुढ़ापा खुद ही महक जाएगी।
जया किशोरी ने कहा कि आजकल नारी सीता जैसी नहीं रही। यह भूल जाते हैं सीता स्वरुप पत्नी की प्राप्ति के लिए स्वयं भी श्री राम की मर्यादा जीवन में होनी चाहिए। कहा कि यदि भगवान से सिर्फ भगवान को मांगो तो सब स्वयं ही आपके पास आ जाएगा। दुयरेधन ने नारायणी सेना मांगी और पांडवो ने स्वयं नारायण अर्थात भगवान श्री कृष्ण को ही मांग लिया, उन्हें सब कुछ मिल गया। कथा से पूर्व आचार्य बिपिन जोशी ने भजनों से भक्ति रस से सराबोर किया।
इस मौके पर मधुबन आश्रम के स्वामी परमानंद महाराज, महंत राहुल थापा, डा. पंकज किशोर गौड़, समिति अध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल, संजय बंसल, राजपुर विधायक खजान दास, दीपक सिंघल, गोपाल शर्मा, अतुल सिंघल, विनय बंसल, गोपाल गर्ग, मदन गोपाल, रविंद्र गोयल, ललित मालिक, राकेश अग्रवाल, अतुल गोयल, संजय अग्रवाल, सचिन गुप्ता, अजय पाल आदि मौजूद थे।