देहरादून। जनपद पौड़ी में बेसिक शिक्षकों के बम्पर प्रमोशन हुए है। शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी डा. आनन्द भारद्वाज ने 212 प्राइमरी विद्यालय के प्रधानाध्यापक व सहायक शिक्षकों की पदोन्नति आदेश जारी किए। राजकीय उच्च प्राथमिकी विद्यालय में 34 प्रधानाध्यापकों, 73 सहायक अध्यापक व 105 प्रधानाचार्य राजकीय प्राथमिक विद्यालय में प्रमोट किये गए।
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि लंबे समय से पदोन्नति रुकी हुई थी। विभागीय निर्देश के वाद जनपदीय पदोन्नति समिति के अनुमोदन के बाद प्रमोशन की सूची को अंतिम रूप दिया गया। लंबे समय से बेसिक शिक्षा में प्रमोशन के मामले लंबित थे। प्रमोशन होने के बाद उच्च राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में विषय के शिक्षकों की तैनाती की गई।
प्रमोशन पर शिक्षक संगठनों ने मंत्री धन सिंह रावत व जिला शिक्षा अधिकारी भारद्वाज का आभार जताया। आदेश में कहा गया है यह पदोन्नति नितान्त अस्थाई है जिसे बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली प्रारम्भिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली-2012 के किसी भी प्राविधान के अन्तर्गत अनियमित पाये जाने पर निरस्त किया जा सकेगा। पदोन्नति पर कार्यभार ग्रहण न करने की दशा में समयवृद्धि प्रदान नहीं की जायेगी एवं कार्यभार ग्रहण न करने की दशा में आगामी तीन वषोर्ं तक पदोन्नति पर विचार नहीं किया जायेगा। पदोन्नति का परित्याग करने वाले कार्मिकों पर उत्तराखण्ड राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग नियमावली, 2020 के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। पदोन्नति के सम्बन्ध में यदि कोई तथ्य छुपाया गया हो अथवा असत्य सिद्ध हो जाय, तो सम्बंधित की पदोन्नति निरस्त हो जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि लंबे समय से पदोन्नति रुकी हुई थी। विभागीय निर्देश के वाद जनपदीय पदोन्नति समिति के अनुमोदन के बाद प्रमोशन की सूची को अंतिम रूप दिया गया। लंबे समय से बेसिक शिक्षा में प्रमोशन के मामले लंबित थे। प्रमोशन होने के बाद उच्च राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में विषय के शिक्षकों की तैनाती की गई।
प्रमोशन पर शिक्षक संगठनों ने मंत्री धन सिंह रावत व जिला शिक्षा अधिकारी भारद्वाज का आभार जताया। आदेश में कहा गया है यह पदोन्नति नितान्त अस्थाई है जिसे बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली प्रारम्भिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली-2012 के किसी भी प्राविधान के अन्तर्गत अनियमित पाये जाने पर निरस्त किया जा सकेगा। पदोन्नति पर कार्यभार ग्रहण न करने की दशा में समयवृद्धि प्रदान नहीं की जायेगी एवं कार्यभार ग्रहण न करने की दशा में आगामी तीन वषोर्ं तक पदोन्नति पर विचार नहीं किया जायेगा। पदोन्नति का परित्याग करने वाले कार्मिकों पर उत्तराखण्ड राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग नियमावली, 2020 के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। पदोन्नति के सम्बन्ध में यदि कोई तथ्य छुपाया गया हो अथवा असत्य सिद्ध हो जाय, तो सम्बंधित की पदोन्नति निरस्त हो जाएगी।