चमोली नंदानगर आपदाः मलबे से 3 और शव बरामद, अन्य लापता लोगों की तलाश जारी

चमोली। नंदानगर आपदा में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। यहां मलबे में दबे लोगों की तलाश की जा रही है। बीती रात 16 घंटे बाद मलबे से दो लोगों को जिंदा निकला गया। जिसके बाद मलबे में जिंदगी की उम्मीद बढ़ गई है।

शुक्रवार सुबह 3 शव बरामद किए गए हैं। जिसमें 2 पुरुष और 1 महिला शामिल हैं। अभी भी चमोली नंदानगर आपदा में कुछ लोग लापता हैं। जिनकी तलाश के लिए पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ के जवान मलबे में मेहनत कर रहे हैं।

चमोली जिले के नंदानगर आपदा प्रभावित इलाकों में पुलिस व प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं स्थानीय लोगों के सहयोग से रेस्क्यू एवं राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। कुंतरी लगा फाली गांव में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, फायर सर्विस, स्थानीय पुलिस प्रशासन ने गहन सर्चिंग के दौरान अभी तक मलबे में दबे हुए 5 शव बरामद कर लिए हैं। सुबह 3 शव बरामद किए गए। जबकि, कल 2 पुरुषों के शव बरामद हुए थे. वहीं, 1 पुरुष का जीवित रेस्क्यू किया गया था।

चमोली पुलिस के मुताबिक, अतिवृष्टि से प्रभावित नंदानगर क्षेत्र में राहत-बचाव कार्य जारी है। यहां अब तक 5 शव बरामद किया गया है। 2 ग्रामीणों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। चमोली डीएम व एसपी लगातार हालातों की जानकारी ले रहे हैं। सीएम धामी भी चमोली नंदानगर आपदा के हालातों पर नजर बनाये हुए हैं। इसके साथ ही नंदप्रयाग-नंदानगर मार्ग अवरुद्ध है। जिसे खोलने के प्रयास जारी है।

17 सितंबर की रात नंदानगर क्षेत्र के कुंतरी, धुर्मा गांव में अतिवृष्टि से हालात बिगड़े. जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, घटना में पहले 12 लोगों के मलबे में लापता होने की खबर आई। जिसमें से 2 लोगों के शव बरामद किए गए। सुबह 3 शव मिले हैं।

दो व्यक्तियों का मलबे से सकुशल रेस्क्यू किया गया। अभी भी कुछ लोग लापता हैं। जिनके लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। कुंतारी लगाफाली, धुर्मा वार्ड में में 27 से 30 भवन व गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।

चमोली जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को बाधित मार्गों को शीघ्र सुचारु करने, प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में शिफ्ट करने और भोजन और पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

कुंतरी लगा फाली के प्रभावित परिवारों के लिए सैती प्राथमिक विद्यालय, मरिया आश्रम और पूर्ति निरीक्षक गोदाम में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। धुरमा गांव के लगभग 25 और सेरा गांव के लगभग 12 प्रभावित परिवारों के लिए शिविरों की व्यवस्था तहसील प्रशासन द्वारा की जा रही हैं।

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