हल्द्वानी।ं लैपटाप-मोबाइल में ज्यादा समय बिताने पर युवती को उसकी मां ने टोका तो उसने फांसी लगा ली।युवती के पास से पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में घरेलू विवाद की बातें ज्यादा सामने आ रही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
ाठगोदाम थाना क्षेत्र में शीशमहल कर्नल वार्ड में ऊर्जा निगम में तकनीकी इलेक्ट्रिशियन के पद में नौकरी करने वाले चंद्रशेखर तिवारी परिवार के साथ रहते हैं। इनकी 20 वर्षीय पुत्री जिज्ञासा तिवारी एक विश्वविद्यालय में बी फार्मा के तीसरे सेमेस्टर में पढ़ाई कर रही थी।
बताया जा रहा है कि सुबह के समय जिज्ञासा लैपटाप व मोबाइल में व्यस्त रहती थी। इसपर मां भावना तिवारी ने उसे स्क्रीन में ज्यादा समय बिताने से डांटा तो वह नाराज होकर अपने कमरे में चली गई। कई देर तक जब युवती कमरे से बाहर नहीं आई तो स्वजन परेशान हो गए।आवाज लगाने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया तो स्वजन को कुछ शक हुआ। अंदर से दरवाजा नहीं
खुलने पर स्वजन ने दरवाजा तोड़ा तो देखा कि जिज्ञासा पंखे में फंदे पर लटकी मिली। इससे स्वजन के होश उड़ गए। आनन फानन में उन्होंने जिज्ञासा को पंखे से नीचे उतारकर डा. सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने जिज्ञासा को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने युवती का पोस्टमार्टम कर शव स्वजन को सौंप दिया है। युवती की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि युवती अपने पारिवारिक विवाद की ज्यादातर बातें अपने एक युवक दोस्त के साथ साझा करती थी। वह मानसिक रूप से भी परेशान चल रही थी। सुसाइड नोट में माता-पिता के सपोर्ट नहीं करना, बात-बात में टोकना, किसी बात को लेकर डिप्रेशन में रहने की बात सामने आई है।
वहीं जिज्ञासा के आत्मघाती कदम उठाने की बात पुलिस को डायल 112 में उसके चचेरे भाई गर्वित के एक दोस्त ने सूचना दी थी। जिज्ञासा का अंग्रेजी व जेन-जी लैंग्वेज का सुसाइड नोट भी पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है।
पुलिस कि मानें तो जिज्ञासा ने जेन-जी टाइप लैंग्वेज में अपने पारिवारिक विवाद की कहानी लिखी है। जिसमें ज्यादातर बातें अपने माता-पिता को दोष देने की सामने आई हैं। सुसाइड नोट में जिज्ञासा अपने एक युवक दोस्त को भी काफी कोस रही है। पुलिस ने जिज्ञासा का लैपटाप व मोबाइल कब्जे में ले लिया है। हालांकि जिज्ञासा का मोबाइल लाक है।
