गौचर इलाके के 15 गांवों की विजली आपूर्ति ठप्प
चमोली। चमोली जिले में भारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बारिश के कारण जिले की 42 सड़कें अवरूद्ध पड़ जाने से ग्रामीण क्षेत्रों की आवाजाही मुश्किल में घिर गई है। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चमोली जिले में बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
इसके तहत चमोली तहसील क्षेत्र में 37.4 एमएम बारिश हुई तो पोखरी तहसील क्षेत्र में 60 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। जोशीमठ तहसील में 14.4, कर्णप्रयाग में 38 एमएम, गैरसैंण में 4, थराली में 8 तथा घाट तहसील में 3 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। जिले में अलकनंदा, नंदाकिनी तथा पिंडर नदियां खतरे के निशान से कुछ नीचे चल रही हैं। हालांकि तीनों नदियां पूरे उफान पर हैं।
बताया गया कि जिले में 108 मागरे में से 66 सडकें मलवा आने, भूस्खलन होने और पुश्तों के टूटने से अवरूद्ध हो गई थी। इनमें अब भी 42 सड़कें बंद पड़ी हैं। हालांकि दावा किया जा रहा है कि जल्द ही सड़कों को आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। ग्रामीण सड़कों के बंद पड़ने से आवाजाही पर संकट घिरता जा रहा है। इसके चलते ज्यादातर ग्रामीण घरों में ही रह रहे हैं। इस बीच गौचर आईटीबीपी के पास विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण 30 गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप्प पड़ गई थी।
इनमें 15 गांवों की विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी गई हैं। अवशेष 15 गांवों की विजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी है। नंदानगर ब्लाक में भारी बारिश के कारण घिंघराण तोक में पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई थी। विभागीय स्तर पर वैकल्पिक स्तर पर व्यवस्था कर आपूर्ति सुचारू कर दी गई है।
चमोली। चमोली जिले में भारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बारिश के कारण जिले की 42 सड़कें अवरूद्ध पड़ जाने से ग्रामीण क्षेत्रों की आवाजाही मुश्किल में घिर गई है। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चमोली जिले में बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
इसके तहत चमोली तहसील क्षेत्र में 37.4 एमएम बारिश हुई तो पोखरी तहसील क्षेत्र में 60 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। जोशीमठ तहसील में 14.4, कर्णप्रयाग में 38 एमएम, गैरसैंण में 4, थराली में 8 तथा घाट तहसील में 3 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। जिले में अलकनंदा, नंदाकिनी तथा पिंडर नदियां खतरे के निशान से कुछ नीचे चल रही हैं। हालांकि तीनों नदियां पूरे उफान पर हैं।
बताया गया कि जिले में 108 मागरे में से 66 सडकें मलवा आने, भूस्खलन होने और पुश्तों के टूटने से अवरूद्ध हो गई थी। इनमें अब भी 42 सड़कें बंद पड़ी हैं। हालांकि दावा किया जा रहा है कि जल्द ही सड़कों को आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। ग्रामीण सड़कों के बंद पड़ने से आवाजाही पर संकट घिरता जा रहा है। इसके चलते ज्यादातर ग्रामीण घरों में ही रह रहे हैं। इस बीच गौचर आईटीबीपी के पास विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण 30 गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप्प पड़ गई थी।
इनमें 15 गांवों की विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी गई हैं। अवशेष 15 गांवों की विजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी है। नंदानगर ब्लाक में भारी बारिश के कारण घिंघराण तोक में पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई थी। विभागीय स्तर पर वैकल्पिक स्तर पर व्यवस्था कर आपूर्ति सुचारू कर दी गई है।