राज्यपाल ने लाल गेट वार मेमोरियल पहुंचकर कारगिल युद्ध के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
देहरादून। राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने करगिल युद्ध की 23वीं बरसी पर करगिल युद्ध के शहीदों को नमन किया। राज्यपाल ने गढ़ी कैंट स्थित लाल गेट वार मेमोरियल पहुंचकर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने कहा कि शहीद हमारे देश के असली हीरो हैं। यह हम सभी के लिए गौरव की बात है कि हमारे वीर जवानों ने विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी अपने शौर्य व पराक्रम से दुश्मनों को परास्त किया।
कहा कि करगिल युद्ध में 527 सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर सर्वोच्च बलिदान दिया। इसमें उत्तराखंड के 75 जवान शामिल थे। राज्यपाल ने कहा कि ये शहीद सैनिक हमारे आइकन हैं। उनके राष्ट्र प्रेम की भावना से प्रेरित होकर हमारे अन्य सैनिक भी देश की सुरक्षा में लगे हुए हैं। कहा कि सेना में रहते हुए उन्होंने करगिल क्षेत्र को करीब से देखा है, जहां पर सैनिकों का जोश व जज्बा होना जरूरी है। कहा कि करगिल युद्ध में मिली जीत में उत्तराखंड के सैनिकों का बहुत बड़ा योगदान रहा। 37 सैनिकों को बहादुर के लिए वीरता पदक मिला था। उन्होंने करगिल युद्ध के दौरान बहादुरी व शौर्य का परचम लहराया।
राज्यपाल ने कहा कि सभी वीर जवानों के परिवारों व वीरांगनाओं को हर संभव मदद करना शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। करगिल के वीर जवानों की वीरगाथा हम सभी को राष्ट्र प्रेम व देशभक्ति की प्रेरणा देती है। कहा कि भारतीय सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेना है, जो किसी भी मुकाबले के लिए सक्षम है। इस अवसर पर उत्तराखंड सब एरिया मुख्यालय के जीओसी मेजर जनरल संजीव खत्री, ले. जनरल एमसी बधानी (सेनि) अमूल कपूर, वाइस एडमिरल एजी थपलियाल समेत उत्तराखंड सब एरिया के अन्य अधिकारी, स्टेशन कमांडर व पूर्व सैनिक भी उपस्थित रहे।