सरकारी नौकरियों में खेल कोटा होगा बहाल : धामी

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पुलिस लाइन, देहरादून में 11वीं अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता आरंभ

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी नौकरियों में खेल कोटा बहाल करने का ऐलान किया है। प्रदेश में खिलाड़ी वर्षो से सरकारी नौकरियों में खेल कोटा बहाल करने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल कोटे के तहत खिलाड़ियों को डिप्टी एसपी तक जाने का सुनहरा अवसर प्रदान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने यह ऐलान बुधवार को पुलिस लाइन, देहरादून में 11वीं अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता के उदघाटन अवसर पर किया।  उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रदेश में खेल कोटा वर्षो से बंद पड़ा है और प्रदेश के खिलाड़ियों को मजबून दूसरे राज्यों की का रूख करना पड़ता है। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न राज्यों एवं सशस्त्र बलों से पहुंचे तीरंदाज खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत की धरती तीरंदाजी की जननी रही है। तीरंदाजी जिसे भारतीय संस्कृृति में धनुर्विद्या के नाम से जाना जाता रहा है। धनुर्विद्या प्रमुख खेल होने के साथ ही युद्ध कला की एक प्राचीन विद्या भी रही है। त्रेतायुग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और भगवान परशुराम की धनुर्विद्या की बात करें या द्वापर युग में भीष्म, अर्जुन, कर्ण और वीर अभिमन्यु की धनुर्विद्या की बात करें, हमारा इतिहास महान योद्धाओं और वीर धनुर्धरों की वीरता और धनुर्विद्या का साक्षी रहा है। देहरादून की महान धरती तो स्वयं में महान धनुर्धर गुरु द्रोण की तपस्थली रही है। इस प्रतियोगिता का आयोजन देहरादून में होना अपने आप में गर्व का विषय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में देश में समृद्ध खेल संस्कृति का विकास हो रहा है जिसके परिणाम स्वरूप हमारे खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय प्रदर्शन  किया जा रहा है।  राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति को लागू की गई है। खेल नीति में खिलाड़ियों के उन्नयन और उनके बुनियादी सुविधाओं के लिए व्यवस्था की गई है। खेल व्यक्ति के चहुंमुखी विकास के लिए लाभदायक हैं। खेल हमें समयबद्धता, धैर्य, अनुशासन और समूह में कार्य करने की प्रेरणा भी देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल के क्षेत्र में हमारे युवाओं द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया जा रहा है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड में अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन पहली बार हो रहा है। इस आयोजन में 19 राज्यों की पुलिस टीम समेत सशस्त्र बलों को मिलाकर कुल 26 टीमों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। 14 से 19 दिसम्बर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में कुल 316 खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं, जिनमें 196 पुरुष और 120 महिला खिलाड़ी शामिल हैं।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अखिल भारतीय पुलिस खेल – अखिल भारतीय पुलिस खेल नियंतण्रबोर्ड द्वारा समन्वित किए जाते हैं और विभिन्न खेलों को  हर साल आयोजित किये जाता है। इन खेलों का इतिहास लगभग 70 साल पुराना है। अखिल भारतीय पुलिस खेलों का पहला संस्करण 1951 में आयोजित किया गया था। तीरंदाजी को वर्ष 2013 से खेल नियंतण्रबोर्ड द्वारा वाषिर्क पुलिस खेलों की सूची में शामिल किया गया था।  उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पहली बार ऑल इंडिया पुलिस तीरंदाजी चौंपियनशिप की मेजबानी करने जा रहा है।
हालांकि इससे पूर्व भी उत्तराखंड पुलिस ने वाटर स्पोर्ट्स, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबाल और एथलेटिक्स की सफलतापूर्वक मेजबानी की है। ऑल इंडिया स्पोर्ट्स की किसी भी प्रतियोगिता का आयोजन करवाना एक बड़ी जिम्मेदारी का काम होता है।
इस अवसर पर उत्तराखंड पुलिस के सभी अधिकारी, मेयर  सुनील उनियाल गामा, विधायक कैंट श्रीमती सविता कपूर, उत्तराखण्ड आर्चरी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र तोमर, आयोजन सचिव मुख्तार मोहसिन, पुलिस विभाग के उच्चािकारी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी मौजूद थे।

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