चमोली।
सरकार अब जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए भूमि चयन में जुट गई है। फिलहाल 4 स्थानों पर भूमि का चयन कर लिया गया है। इनमें जोशीमठ के कोटी फार्म में स्थित उद्यान विभाग के स्वामित्व वाली भूमि पर पहले चरण में 3 प्री-फै ब्रिकेटेड शेड बनाए जाएंगे।
जोशीमठ की भू धंसाव की आपदा के चलते लोगों के घरों पर दरारें आ गई हैं। इसके चलते कई मकान अनसेफ जोन में आ गए हैं। इसके चलते तमाम जिंदगियों को बचाने के लिए राहत शिविरों में शरण दी गई है। सरकार ने जोशीमठ के लोगों के लिए फिलहाल पुनर्वास के लिए हालांकि 5 स्थानों पर भूमि का चयन किया है। इसके बावजूद जीएसआई की रिपोर्ट के आधार पर 4 स्थानों को हरी झंडी मिली है। इनमें कोटी फार्म, औली के समीप ही एचआरडीआई की भूमि, ढाक तथा पीपलकोटी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कोटी फार्म जोशीमठ से करीब 12 किमी दूर है। कोटी फार्म के लिए औली से सड़क कटती है।
मलारी रोड़ पर जोशीमठ से 12 किमी की दूरी पर ढाक गांव है। यहां पर राजस्व विभाग की भूमि उपलब्ध है। इसी तरह जोशीमठ करीब 9 किमी दूर जड़ी बूटी शोध संस्थान (एचआरडीआई) की भूमि को भी चिन्हित किया गया है। इसी तरह जोशीमठ से 36 किमी दूर पीपलकोटी में सरकारी जमीन उपलब्ध है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि जीएसआई की रिपोर्ट के आधार पर 4 स्थानों को उपयुक्त पाते हुए हरी झंडी मिल गई है। इसके तहत कोटी फार्म में 3 प्री-फैब्रिकेटेड डेमो भवन मॉडल के तौर पर बनाए जाएंगे।
इन भवनों को प्रभावितों को दिखाया जाएगा। पसंद आने पर 3 अन्य स्थानों पर भी पसंद के हिसाब से इसी तरह के प्री-फैब्रिकेटेड भवन बनाए जाएंगे। सीबीआरआई रू डकी द्वारा मॉडल भवन तैयार किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस तरह के भवन 25 से 30 साल तक कामयाब रहेंगे। हालांकि बताया तो यह भी जा रहा है कि अन्य स्थानों पर भी भूमि की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। इसके चलते अब शासन प्रभावितों के रहने के लिए प्री-फैब्रिकेटेड भवनों के जरिए तैयारियों में जुट गया है।