संस्कृत अकादमी व संस्कृत परिषद के मसलों का समाधान किया जाएगा : डॉ. धन सिंह रावत
देहरादून। तो प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को उच्च शिक्षा विभाग के अधीन किया जाएगा। उच्च शिक्षा व संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने संस्कृत विविद्यालय के कुलपति प्रो. देवेन्द्र शास्त्री के संस्कृत विविद्यालय को उच्च शिक्षा के अधीन करने शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार का भरोसा दिया है और विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। कुलपति ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को यह प्रस्ताव भेजा था।
संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने रविवार को सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में संस्त शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में संस्कृत भाषा एवं संस्त शिक्षा के विकास को लेकर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि संस्कृत को जन-जन की भाषा बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक जनपद में एक-एक संस्कृत ग्राम बनाये जायेंगे, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। डॉ. रावत ने कहा कि संस्कृत अकादमी व संस्कृत परिषद से जुड़े शिक्षकों एवं कर्मचारियों द्वारा रखी गई मांगों पर उचित मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की जायेगी। इसके लिये उन्होंने विभागीय सचिव चन्द्रेश यादव तथा निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ. एसपी खाली को निर्देश दिये।
बैठक में रूद्रप्रयाग के विधायक व संस्कृत प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष भरत चौधरी ने कहा कि संस्कृत परिषद के अंतर्गत संचालित संस्कृत महाविद्यालयों को विविद्यालय से संबद्ध किया जाय और संस्कृत बोर्ड से उनका संचालन किया जाना उचित नहीं है, जिससे कई संस्कृत महाविद्यालयों के संचालकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
बैठक में सहायता प्राप्त महाविद्यालय संगठन के डॉ. राम भूषण बिज्लवाण, डॉ. जनार्दन कैरवान तथा संस्कृत महाविद्यालय संगठन के डॉ. नवीन पंत द्वारा महाविद्यालयों की समस्याओं को लेकर विभागीय मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। जिस पर विभागीय मंत्री ने शीघ्र कार्रवाई का आासन दिया। बैठक में निदेशक संस्कृत विवि के कुलसचिव जीके अवस्थी सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।