फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने वाले 193 अभिभावकों पर केस

नंदा गौरा योजना का लाभ लेने को रची जालसाजी
हरिद्वार।
नंदा गौरा योजना के तहत  इंटर पास व जन्म पर बालिकाओं के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता को हासिल करने के लिए आवेदन में फर्जी प्रमाण पत्र जमा करने वाली बालिकाओं के अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। सिडकुल थाने में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने तहरीर देकर फर्जीबाड़ा करने वाले 193 अभिभावकों पर कूटरचना , धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

नंदा गौरा योजना में प्रदेश में रहने वाले परिवार की बेटी के जन्म व  इंटर परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली बेटियों को आर्थिक सहायता के रूप राशि दी जाती है। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में नंदा गौरा योजना के तहत बेटी के जन्म के लिए सहायता राशि पाने के लिए आवेदन जमा कराए गए थे। जिसमें 70 आवेदनों में आय-प्रमाण पत्र फर्जी निकले थे। इंटर पास के आवेदनों में से 123 आय प्रमाण-पत्र फर्जी मिले थे। कुल 193 आय प्रमाण पत्र फर्जी मिले थे।

जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने आवेदन करने वालों पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे।  तीन दिन पहले महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने भी इस मामले में कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। सिडकुल थाने में जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा सहगल की तहरीर पर पुलिस ने 193 आवेदकों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। थाना प्रभारी निरीक्षक रमेश सिंह तनवार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

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