देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस में एक बार फिर टूट-फूट की खबरें सुर्खियों में हैं। राजनीतिक हलकों में इन दिनों चर्चा है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा सकते हैं। लेकिन प्रीतम सिंह और तिलक राज दोनों ही नेताओं का कहना है कि वह कांग्रेसी हैं और कांग्रेसी ही रहेंगे।
दरअसल इन खबरों को हवा भाजपा खेमे से ही दी जा रही है। बीते कुछ दिनों से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भटृ द्वारा लगातार यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ नेता भाजपा के संपर्क में हैं तथा आने वाले दिनों में कुछ बड़ा देखने को मिल सकता है। भले ही महेंद्र भटृ ने कभी यह न बताया हो कि वह नेता कौनकृकौन है? लेकिन बीते कुछ समय से कांग्रेस के अंदर जारी अंतर कलह की खबरें और प्रीतम सिंह तथा तिलकराज बेहड़ द्वारा प्रदेश प्रभारी और पार्टी की नीतियों पर जो सार्वजनिक मंचों से सवाल उठाए जा रहे हैं उन्हें लेकर प्रीतम और बेहड़ के नाम चर्चाओं के केंद्र में आ गए हैं।
अभी बीते दिनों जहां तिलकराज बेहड़ ने गढ़वाल की उपेक्षा किए जाने का सवाल उठाते हुए कहा था कि पार्टी हाईकमान को इस पर विचार करने की जरूरत है। दरअसल इस समय प्रदेश अध्यक्ष, नेता विपक्ष और उप नेता विपक्ष के पदों पर कुमाऊं के लोग आसीन हैं जिसे लेकर समयकृसमय पर सवाल उठाए जाते रहे हैं। यही नहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह तो अध्यक्ष पद से हटाने और फिर नेता विपक्ष न बनाए जाने को लेकर लंबे समय से नाराज चले आ रहे हैं। अभी बीते दिनों उनके द्वारा प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की राजनीतिक अनुभव हीनता का मुद्दा उठाते हुए कहा गया था कि केंद्रीय नेतृत्व यह जिम्मेवारी किसी अनुभवी और सुलझे हुए नेता को देनी चाहिए। पार्टी में उनके इस बयान पर काफी हाय हंगामा भी हुआ था। कुछ लोग इसे अनुशासनहीनता का मुद्दा बता कर उनके खिलाफ कार्यवाही की बात भी करते दिखे थे।
इस बाबत जब प्रीतम सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह कांग्रेसी हैं और कांग्रेसी रहेंगे। सोनिया गांधी व राहुल गांधी तथा कांग्रेस के प्रति उनकी अटूट आस्था है लेकिन अगर पार्टी में कुछ गलत होगा तो वह उसे गलत जरूर कहेंगे। उधर महेंद्र भटृ का कहना है कि किसी पार्टी के असंतुष्ट नेता अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में आते हैं तो उनका स्वागत है।