देहरादून। उत्तराखण्ड में लोकपर्व फूलदेई धूम से जा रहा है। फूलदेई पर कल से शुरू हो गया था, प्योली में, सतरंगी फूलों से सजी पटल और मौसम पर जूलए फुलदेई। घर-घर में मतदान करने वाले सदस्य। ट्वायल नेगुन के बगीचे पर चावल, गूड, भोजन, स्वादिष्ट भोजन।
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देवभूमि में 14 मार्च से चैत्र मास फूलदेई या फूल संक्रांति का लोक पर्व जा रहा है। फूलदेई लोकपर्व उत्तराखंड की संस्कृति से आज भी यही है। हिंदी MHHINE CHATR की शरुट से लेकर ल त तकडड कअल एघ घ घघ तघ ए é mhine tak are chौkhtenge र cang-birgge flolons से महक्कती रहेंगी। विविधा में एकता को संजोए इस पर्व को उत्तराखंड के गढ़वाली है मंडल में फूल संडे तो कुमाओ में जाने के लिए फूल। घर-घर देहरी या देहली (घर की चौखट) पर फूल और भाकार कर देई छम्मा देई, दैणी दिहर बार-बार नमस्ते’ गीत गाकर लोगों की खुशहाली की संगत।