सभी धर्म-जाति व संप्रदाय की महिलाओं में उत्साह
देहरादून। यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) को लेकर जहां इन दिनों देश की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म है और सभी दल अपनेकृअपने सियासी जोड़कृभाग में जुटे हुए हैं वही देश की आधी आबादी (महिलाओं) को यूसीसी के लागू होने से अपने सशक्तिकरण का नया रास्ता मिलने की उम्मीद है। खास बात यह है कि हर जाति धर्म और संप्रदाय की महिलाएं यह मान रही है कि इस नए कानून से उनकी सामाजिक सुरक्षा पहले से बेहतर होगी और उन्हें आगे बढ़ने में यह नया कानून मददगार साबित होगा।
हालांकि उत्तराखंड के लिए यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने वाले विशेषज्ञ समिति ने न तो अपना ड्राफ्ट सरकार को सौंपा है और न किसी ड्राफ्ट के बारे में कोई अधिकृत जानकारी किसी के द्वारा दी गई है लेकिन सूत्रों के हवाले से जो भी खबरें छनकृछन कर सामने आ रही हैं उसे लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। इस बाबत कुछ पढ़ी-लिखी और नौकरी पेशा महिलाओं का कहना है कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष किये जाने से उनको पिता और पति की संपत्ति में बेटों की तरह समान अधिकार दिए जाने और संबंध विच्छेद (तलाक) जैसे मामलों के लिए समान आधार सुनिश्चित किए जाने से महिलाओं को जो एक मजबूत सामाजिक सुरक्षा कवच मिलेगा उससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा।
जानकारी के अनुसार एक पुरुष जिस आधार पर अपनी पत्नी से संबंध विच्छेद का अधिकार रखता है अब पत्नी भी उसी आधार पर पति से संबंध विच्छेद कर सकेगी। जबकि पहले के कानूनों में पुरुषों के पास ही तमाम अधिकार संरक्षित थे। वही अब पत्नी का भी पति की संपत्ति पर बराबर का अधिकार होगा। जबकि पहले पति की संपत्ति पर पति का ही अधिकार होता था।
शादी की उम्र 18 से 21 साल किए जाने से लड़कियों को अब उच्च शिक्षा पूरी करने का अवसर मिल सकेगा। अब तक छोटी उम्र में शादी होने के कारण लड़कियों को अपनी पढ़ाई बीच में ही नहीं छोड़नी पड़ेगी तथा उनकी सोच समझ भी शादी के समय पहले से अधिक परिपक्व होगी यह अलग बात है कि यूसीसी के नए कानून का क्या प्रारूप होगा इसकी सही जानकारी इसका मसौदा सामने आने पर ही हो सकेगा। लेकिन महिलाएं इससे बड़ी उम्मीद लगाए जरूर बैठी हैं। वहीं भाजपा की नजर महिला वोट बैंक पर है।
सीएम दिल्ली रवाना, यूसीसी पर करेंगे चर्चा
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को दिल्ली रवाना हो चुके हैं। यूसीसी ड्राफ्ट कमेटी के अनुसार एक-दो दिन में ही वह सरकार को ड्राफ्ट सौंप सकती है। कल सीएम ने खुद भी कहा था कि वह इस ड्राफ्ट के अध्ययन के बाद केंद्रीय नेतृत्व से भी इस पर राय मशवरा करेंगे।
माना जा रहा है कि रविवार को सीएम धामी पार्टी के कुछ बड़े नेताओं से मुलाकात कर यूसीसी के प्रावधानों पर चर्चा कर सकते हैं। कश्मीर से धारा 370 हटाने और तीन तलाक को समाप्त करने व राम मंदिर निर्माण के बाद केंद्र व राज्य सरकार का इस यूसीसी को लाना एक मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है जिसका बड़ा फायदा भाजपा को मिलने की संभावनाएं जताई जा रही है।