ऋषिकेश। चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर करंट फैलने से हुए दर्दनाक हादसे में झुलसे दो लोगों की हालत एम्स में गंभीर बनी है। जबकि चार अन्य लोग की हालत स्थिर है। ट्रामा विभाग के सर्जन डा. मधुर उनियाल ने बताया कि संदीप मेहरा और सुशील की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। शेष की हालत स्थिर है। चिकित्सकों की टीम सभी की हालत पर नजर रखे हैं। दरअसल, अलकनंदा नदी के किनारे बने इस एसटीपी प्लांट को जाने वाला रास्ता वहां सेफ्टी वॉल (सुरक्षा दीवार) के ऊपर बना है। यह बमुश्किल चार फीट चैड़ा और 30 मीटर लंबा रास्ता है। इसके दोनों ओर लोहे की जाली की रेलिंग लगी है। इसके साथ ही लोहे के चार खंभों के सहारे प्लांट तक एक पाइप पहुंचाया गया है।
सुबह के वक्त यहां स्थानीय लोग ऑपरेटर की तलाश में पहुंचे थे। ऑपरेटर यहां लोहे की सीढ़ियों के पास इसी चार फीट के प्लेटफार्म पर पड़ा था। एक के बाद एक यहां लोगों की भीड़ लग गई। चैकी प्रभारी प्रदीप रावत भी वहां कुछ सिपाहियों और होमगार्ड के साथ पहुंचे थे।
छोटी सी जगह पर तकरीबन 35 लोग वहां जमा हो गए। मौत जैसे उन्हें चुपके से देख रही थी। अचानक वहां लोहे की सीढ़ियों के पास हाई वोल्टेज करंट दौड़ गया। इसकी चपेट में आए कई लोगों में देखते ही देखते आग की लपटें उठने लगीं। कुछ लोग ऐसे जल रहे थे कि मानों सूखे पत्तों के ढेर में किसी ने आग लगाई हो। उन्हें देखकर वहां अन्य लोग चीख-पुकार करते हुए भागने लगे। उस वक्त किसी का हाथ रेलिंग से लगा तो किसी ने लोहे के पोल को पकड़ा। सभी एक दूसरे से चिपककर वहीं गिर गए। देखते-देखते मौके पर ही 15 लोग मौत के आगोश में समा गए।
जबकि, कुछ भगदड़ और लोहे की सीढ़ियों पर गिरकर झुलस गए। इसके बाद के दृश्य देखकर हर कोई गमगीन था। अस्पतालों से लेकर घरों और यहां तक की छोटे से इस शहर में मातम छा गया। किसी ने इसका वीडियो भी बना लिया जो खूब वायरल हुआ।