देहरादून। उत्तराखंड में लगातार दुसरी बार प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज कराने वाली भाजपा में इस बार यह सवाल बड़ा हो गया है कि क्या राज्य की कैबिनेट में महिलाओं का प्रतिशत बढ़ेगा। इस बार उत्तराखंड में 70 विधायकों में से 8 महिलाएं जीतकर आई हैं। यानी पिछली बार से तीन ज़्यादा. इनमें से छह महिला विधायक बीजेपी के टिकट पर जीती हैं। महिलाओं के वर्चस्व वाले प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखंड में इस बार महिला मंत्रियों को लेकर अटकलें तेज़ हैं। उत्तराखंड की पिछली धामी सरकार में सिर्फ एक मंत्रालय महिला के हिस्से में था और रेखा आर्य महिला एवं बाल विकास विभाग की मुखिया थीं। इस बार क्या उनकी कुर्सी बरकरार रहेगी। यह भी सवाल राजनीतिक गलियारों में उठ रहे है।
2017 में यमकेश्वर सीट से विधायक बनीं ऋतु खंडूड़ी को इस बार भाजपा ने कोटद्वार से चुनाव लड़वाया और वह यहां से भी जीती हैं। उनका नाम कैबिनेट मंत्रियों की रेस में आगे माना जा रहा है। बताया जाता है कि जब तक मुख्यमंत्री पद के लिए पुष्कर धामी का नाम तय नहीं हुआ था, तब उत्तराखंड के सीएम बनने की रेस में भी ऋतु का नाम शामिल था।
अब राज्य की तरफ से उन 25 विधायकों की लिस्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई है, जो राज्य में मंत्री पद के दावेदार हैं। इनमें से केंद्र को 11 नाम तय करने हैं। सूत्रों के मुताबिक इस बार कैबिनेट में दो महिलाओं के शामिल होने की संभावना है। ऋतु की मां की बात से साफ है कि वह अचानक उनकी सीट बदले जाने के बावजूद जीत को बड़ी उपलब्धि बता रही हैं और उनके लिए मंत्री पद की आस लगाए हुए हैं। इधर, नैनीताल सीट से चुनाव जीतने वाली सरिता आर्य का कहना है कि वह तो विधायक बनकर ही खुश हैं और अगर मौका मिला तो काम करने में किसी से पीछे नहीं रहने वाली। वहीं, अल्मोड़ा ज़िले की सोमेश्वर सीट से विधायक फिर चुनी गईं रेखा आर्य का नाम तो इस रेस में बना ही हुआ है।