ध्वनिमत से हुआ विनियोग विधेयक का अनुपूरक पारित

देहरादून। मानसून सत्र के आखिरी दिन आज 11100 करोड़ का विनियोग (अनुपूरक) विधेयक पारित हो गया। शुक्रवार को सत्र के तीसरे दिन वहिगर्मन के बाद विपक्ष फिर से सदन में पहुंचा और बजट पर कटौती प्रस्ताव भी रखे।

इस मौके पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि भारत का संविधान के 204 सपठित अनुच्छेद 205 के अधीन विधानसभा द्वारा अनुपूरक अनुदानों की मांगें स्वीकृत किये जाने के बाद राज्य विधानसभा में एक विनियोग विधेयक प्रस्तुत करना आवश्यक है। प्रस्तावित विधेयक यह उपबन्धित करता है कि वित्तीय वर्ष 2023-2024 के सम्बन्ध में विधानसभा द्वारा स्वीकृत अनुपूरक अनुदान मांगों तथा राज्य संचित निधि पर भारित अनुपूरक व्ययों के लिये जो धन है, उसका विनियोग उत्तराखण्ड की संचित निधि में से किया जा सके। विनियोग विधेयक से पहले मंत्रिगणों ने विभागवार अनुपूरक मांगें सदन में रखी और सदन में ध्वनिमत से उन्हें स्वीकृत किया।

इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री ने उत्तराखण्ड विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक, 2023 सदन के पटल पर रखा। इसके बाद यह पारित हो गया। आज पारित होने वाले विधेयकों में उत्तराखण्ड सड़क संरचना सुरक्षा (संशोधन) विधेयक, 2023, वीर माधो सिंह भण्डारी, उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023, उत्तराखण्ड (संयुक्त प्रान्तीय रक्षक दल (संशोधन) विधेयक, 2023, उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के चिन्हित आन्दोलनकारियों तथा उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक, 2023 पारित किया गया। इसमें उन्हें 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

इसके साथ ही उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2023, उत्तराखण्ड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023, उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना (विकास और विनियमन) विधेयक, 2023 पारित किये गये। उत्तराखण्ड शहीद आश्रित अनुग्रह अनुदान (संशोधन) विधेयक, 2023, उत्तराखण्ड निजी विविद्यालय विधेयक, 2023, राज्य विविद्यालय उत्तराखण्ड विधेयक, 2023,  उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम, 1974) (संशोधन) विधेयक, आम्रपाली विविद्यालय विधेयक, 2021 जो कि विधान सभा द्वारा 11 दिसम्बर, 2021 को पारित किया गया था, उसमें राज्यपाल की सलाह पर संशोधनों सहित पारित किया गया।

ये निजी विधेयक भी सदस्यों ने रखे सदन में
अनुपमा रावत ने असरकारी विधेयक के रूप में ‘‘उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन के चिन्हित आन्दोलनकारियों तथा उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक, 2023 रखा। मनोज तिवारी, ने असरकारी विधेयक ‘‘उत्तराखण्ड आउटसोर्स कर्मचारी विधेयक, 2023 रखा। इसके साथ ही अनुपमा रावत ने हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में पूर्ववती सरकार द्वारा सन् 2016 में लालढांग में घोषित उप तहसील की स्थापना का संकल्प रखा।

कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने नई दिल्ली में निर्मित नवीन संसद सदन के मुख्य भवन का नामकरण संविधान निर्माता भारत रत्न डा. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर तथा उसके अन्तर्गत आने वाले प्रासादों (परिसर) का नामकरण राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू तथा सरदार बल्लभ भाई पटेल के नाम पर रखने का संकल्प रखा। भुवन चन्द्र कापड़ी ने प्रदेश में गौवंश के संरक्षण के लिए प्रत्येक विधान सभा में गौशालाओं की स्थापना का संकल्प रखा तो संजय डोभाल यमुनोत्री के नगरीय क्षेत्रों चिन्यालीसौड़ व बड़कोट की विकट पेयजल समस्या का मामला रखा।

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