बरसाती नदियों को सदानीरा नदियों से जोड़ें: सीएम

ऑल वैदर रोड को सीमान्त क्षेत्र तक बढ़ाने की आवश्यकता: धामी
मिड डे मील में अनिवार्य रूप से बच्चों को मिलेट प्रदान किया जाए
देहरादून।  मुख्यमंत्री धामी ने वैज्ञानिक आधार पर बरसाती नदियों को ग्लेशियर आधारित सदानीरा नदियों से जोड़ने पर जोर दिया है।  शनिवार को मध्य क्षेत्रीय परिषद की नरेंद्र नगर में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से निकलने वाली गंगा, यमुना, काली सहित अनेक बारहमासी नदियां मैदानी क्षेत्रों की जीवन रेखा भी है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि वैज्ञानिक आधार पर बरसाती नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़ने का अभिनव प्रयास किया जाना चाहिए, इसका लाभ न केवल उत्तराखंड को बल्कि पूरे देश को होगा। इसके लिये केंद्र को उत्तराखंड सहित अन्य मध्य क्षेत्रीय राज्यों को केंद्र सरकार से तकनीकि एवं वित्तीय सहयोग देना चाहिए।

उत्तराखंड की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों की हवाला देकर सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में अवस्थापना सुविधाओं के विकास तथा आवश्यक सेवाओं के सृजन में अन्य राज्यों की अपेक्षा लागत अधिक रहती है। पर्यावरणीय प्रतिबंधों के कारण विकास कार्यों के संचालन में कठिनाइयां रहती है, राज्य के आर्थिक संसाधन भी सीमित हैं। इन परिस्थितियों एवं संसाधनों की सीमित उपलब्धता के बावजूद उत्तराखंड राज्य की प्रति व्यक्ति आय को राष्ट्रीय औसत से लगभग दो गुना करने में सफल हुआ है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं को मजबूत करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऑल वैदर रोड के अन्तर्गत राज्य में तेजी से काम हो रहा है परन्तु इसे सीमान्त क्षेत्र तक बढ़ाने की आवश्यकता है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की तर्ज पर राज्य के दूसरे मंडल में टनकपुर से बागेर रेलवे लाइन का निर्माण किया जाना भी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का आपदाओं जैसे भूस्खलन, अतिवृष्टि, वनाग्नि, ग्लेशियर खिसकना इत्यादि से चोली दामन का साथ है। इसके लिए राज्य को एक सशक्त वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना की आवश्यकता है। ग्रामीणों को बैंक की सुविधा हो, इसके लिए दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित ऐसे गांवों में विद्युत व्यवस्था, मोबाइल कनेक्टिविटी तथा बैंकिंग सेवा व्यवस्था में सुधार के लिए केंद्र की मदद की दरकार है। वर्ष 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर‘‘ घोषित किया गया है, अत: मिड डे मील में अनिवार्य रूप से बच्चों को मिलेट प्रदान किया जाए ताकि बच्चे स्वस्थ रहें, इस बारे में शिक्षा मंत्रालय तथा खाद्य मंत्रालय को समन्वय से समुचित कार्यवाही करनी चाहिए। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री  प्रेम चंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव एसएस संधु व कई सचिव मौजूद रहे।

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