प्रीतम भरतवाण के लोकगीत-लोकनृत्यों, जागर-पवाड़ों और भैलो-झुमैलो व ढोल-दमौं के मण्डाण में खूब झूमें दर्शक 

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सत्य प्रकाश ढौंडियाल
घनसाली/ इगास बग्वाळ” पर्व पर जन जागृति लोक संरक्षण समिति घनसाली के तत्वाधान में जागर सम्राट प्रीतम भारतवान की कई लोकमान्य प्रस्तुतियां जागर महाभारत के भीमा जागर ,सरूली, सुंदरा छोरी स्यो पकिया तुमारा आदि विभिन्न गीतों पर इगास पर्व घनशाली में एकत्रित हुए विभिन्न क्षेत्रों से आए दर्शकों ने खूब आनंद लिया ।

जगत सम्राट प्रीतम भारतवान के गीतों पर दर्शकों ने खूब नृत्य किया ।

कार्यक्रम के दौरान आयोजक समिति के द्वारा मुख्य अतिथि अध्यक्ष, श्रीमती सोना सजवान के द्वारा प्रीतम भारतवान को मोमेंटो व शाल भेंट कर कर सम्मान,स्वागत अभिनंदन किया गया।

इस दौरान श्रीमती सोना सजवान ने कहा इगाश हमारी संस्कृति के पौराणिक विरासत के धरोहर है इसको
समिति के द्वारा सुरक्षित और संयोजित किया जा रहा इसके लिए समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश भुजवान व उनकी सदस्य टीम का सादुवाद धन्यवाद की पात्र है ।

उन्होंने कहा इस प्रकार के कार्यक्रमों से माता बहने और जनता अपने विभिन्न मतभेद और भेदभाव को बुलाकर के एक मंच पर एक साथ संस्कृतिक पर्वों को मनाने का कार्य करती रही है ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष शंकरपाल सजवान के द्वारा उपस्थित सभी कलाकारों का स्वागत व उपस्थित जनता का अभिवादन करते हुए उन्होंने कहा घनसाली में विकास के पथ पर अग्रसर है ईगाश पर्व पिछले वर्षों से लगातार दूसरी बार मनाया जा रहा है जिसके लिए समिति के द्वारा सफल कार्यक्रम आयोजन का निरंतर संघर्ष और प्रयास किया है यह हमारी विरासत के रूप में लोक संस्कृति को जीवित रखने हेतु निरंतर समिति के सदस्यों का अथक मेहनत है। इस अवसर पर घनसाली के व्यापार मंडल के अध्यक्ष डॉ नरेंद्र डगवाल ने अपने संबोधन में कहा यह पर्व इगाश वीर माधो सिंह की याद में लोक संस्कृति धरोहर हैं ।
यह धरती वीरगढ़ माधव सिंह की धरती रही है और इंद्रमणि बडोनी जैसे महापुरुष इस धरती पर हुए हैं जिसको हम आज याद करते है
विशिष्ट अतिथि गोविंद सिंह राणा ने कहा लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए मेलो थोल और इगाश पर्व जैसे आयोजनों होना जरूरी है जिससे लोक संस्कृति प्रसार को बढ़ावा मिल ।
कार्यक्रम में पदम श्री डॉक्टर प्रीतम भारतवान के जागर ,लोकगीतों धून और ढोल की थाप पर लोगों ने खूब ठुमके लगाए और लोग जागर सम्राट प्रीतम भारतवान ने उपस्थित जन समूह के बीच अपने ढोल के साथ झुमैलो तांदी की प्रस्तुति के साथ भगवती जागर की प्रस्तुति दी ।
जिसे उपस्थित समूह के द्वारा खूब सराय गया और लुफ्त उठाया गया इस तरह के मेलों को आयोजन के लिए जन जागृति लोक संरक्षण समिति का आभार व्यक्त कर धन्यवाद दिया और कहां इस तरह के कार्यक्रमों को हम सब की आपस की दूरियों को काम करते सामाजिक समरसता समाज में लेते है ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए ओम प्रकाश भुजवान के द्वारा सभी कलाकारों को कार्यक्रम में आने के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें समिति की ओर से मोमेंटो भेंट किया गया। इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य वंश के द्वारा पदम श्री डॉक्टर प्रीतम भारतवान जी को स्वर्गीय बडोनी जी का स्मृति चिन्ह व सॉल भेट कर सम्मानित किया दौरान अध्यक्ष लोकेंद्र जोशी, विनोद शाह ,बेबी सीरियल ने उनका सम्मान प्रदान किया।

आपको बता दे 400 सालों से इस लोकपर्व को गढ़वाल छैत्र में बग्वाल,बूढ़ी दिवाली या इगास (एकादशी) के नाम से मनाया व खेला जाता है। अब इस पर्व को मनाने के पीछे इतिहास जो मुख्य रूप से समझ आता है कि वीर माधो सिंह भंडारी के कुशल छैम ना मिलने या या yesa माना गया की वे वीरगति को प्राप्त हो गए की सूचना दीपावली पर मिलने के बाद वहां दीपावली नही मनाई गई , लेकिन 11वे दिन बाद एकादशी पर विजयी होकर जब उनकी जीवित लौटने की सूचना मिलने पर समस्त गढ़वाल ने दीपावली बड़ी धूमधाम से मनायी जाने लगी तभी से आज तक यह परंपरा शुरू कि जब दीवाली 11 दिन पुरानी मतलब बूढ़ी हो गई तब मनाई तब इसे बूढ़ी दीवाली भी कहा जाने लगा और एकादशी को मनायी जाती है, तो इसे इसलिए इगास भी कहा जाता है।आगे की सच्चाई व जानकारी तो 400 साल पहले के लिखे इतिहासकारो द्वारा इतिहास में ही दर्ज है जो आज भी हमे उस बीरता पराक्रम को याद दिलाता है!

कार्यक्रम में सोना सजवान शंकरपाल सजवान डॉक्टर नरेंद्र डंगवाल, गोविंद सिंह राणा, परमवीर पवार ,दर्शन लाल सामाजिक कार्यकर्ता और राजनैतिक,संस्कृति प्रेमी के साथ समिति के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे तथा हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद रहे।

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