हल्द्वानी। पैरामेडिकल कोर्स का फर्जी डिप्लोमा देेने वाले संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी द्वारा अब तक 58 छात्र-छात्राओं के साथ धोखाधड़ी की इस घटना को अंजाम दिया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों हिमांशु नेगी पुत्र गोपाल सिंह नेगी निवासी मुखानी हल्द्वानी द्वारा थाना काठगोदाम में तहरीर देकर बताया गया था कि डीपीएमई काठगोदाम के एमडी डाँ प्रकाश सिंह मेहरा और प्रधानाचार्य डाँ पल्लवी मेहरा व तनुजा गंगोला ( रिसेप्निस्ट ) के द्वारा राज्य में पंजीकरण के सम्बन्ध में लाखों रुपये हड़प लिये गये है।
मामले में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी गयी। जहंा के दौरान जब पुलिस ने डीपीएमई के संचालक से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि उसके द्वारा वर्ष 2018 में डीपीएमई दिल्ली की फ्रैंचाईजी ली गयी, और पूर्वी खेडा गौलापार में डीपीएमई काठगोदाम कालेज का संचालन शुरु कर पैरामेडिकल के विभिन्न कोर्सो शुरु कर छात्रों को एडमिशन दिया गया।
जांच में सामने आया कि डीपीएमई काठगोदाम द्वारा वर्ष 2018 के 8 छात्र छात्राओ, वर्ष 2019 के 37 छात्र-छात्राओ, वर्ष 2020 के 21 छात्र-छात्राओ को पैरामेडिकल कोर्स का डिप्लोमा दिया गया और वर्ष 2021 के 30 छात्रकृछात्राओ को डिप्लोमा देना शेष है। दौराने विवेचना के क्रम में डीपीएमई काठगोदाम की मुख्य शाखा डीपीएमई दिल्ली जाकर पता चला कि डीपीएमई दिल्ली द्वारा डीपीएमई काठगोदाम के वर्ष 2018 के 8 छात्रकृछात्राओ को ही अब तक डिप्लोमा प्रदान किया गया है व वर्ष 2019 के 37 छात्र-छात्राओ के प्रथम वर्ष की परीक्षा कराकर प्रथम वर्ष की मार्कशीट दी गयी है। उसके बाद डीपीएमई काठगोदाम के संचालक/आरोपी प्रकाश मेहरा (जोकि उक्त संस्थान का प्रबन्ध निदेशक है) द्वारा फीस जमा न करने पर डीपीएमई दिल्ली द्वारा डीपीएमई काठगोदाम को डिफाल्टर घोषित कर कार्यक्रम बन्द कर दिया गया।
वर्ष 2019 में कार्यक्रम बन्द होने के बाद भी आरोपी प्रकाश मेहरा द्वारा छात्र-छात्राओ को अपने काँलेज में लाखों रुपये की फीस लेकर दाखिला दिया गया व वर्ष 2019 के 37 व 2020 के 21 कुल 58 छात्र- छात्राओ को फर्जी डिप्लोमा प्रदान किया जाना प्रकाश में आया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी डा प्रकाश मेहरा पुत्र खुशाल सिंह मेहरा निवासी पूर्वी खेड़ा गोलापार काठगोदाम को गिरफ्तार कर लिया गया।