देहरादून। षिविार इंद्रा इन्क्लेव मेूंवाला में श्रीराम कथा क¢ पले दिन मलिाओं ने कलश यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा क्षेत्र क¢ विभिन्न स्थानों से ोकर कथास्थल पर पंुचकर समा ुई। श्रीराम कथा क¢ पले दिन श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते ुए कथाव्यास डा. नन्दीश्वर माराज ने का कि गवान राम की कथा चार घाटों पर निरंतर चलती रती है। पला घाट ज्ञान का प्रतीक है, जिसमें गवान शंकर कैलाश में मां पार्वती को कथा सुना रे है। दूसरा घाट क्ति का प्रतीक है, जां काकभुशुन्डी नीलगिरी पर्वत पर पक्षीराज गरु़ को श्रीराम कथा सुना रे हैं। तीसरा घाट कर्म का प्रतीक है। जां याज्ञवल्यक प्रयागराज में ारद्वाज मुनि को राम की ममिा बताते हैं। चैथा घाट समर्पण का प्रतीक है। जां गोस्वामी तुलसीदास माराज काशी में अपने अंतःकरण क¢ सुख क¢ लिए रामकथा का गायन कर रे है। इस मौक¢ पर विधायक विनोद चमोली सति कई लोगों ने कथा का श्रवण किया।