देहरादून। सोमवार को देहरादून सचिवालय में आयोजित धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में आठ प्रस्तावों पर मुहर लगी है।
बैठक के बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अगर उत्तराखंड में दंगों के दौरान किसी भी सरकारी या निजी संपत्ति को कोई नुकसान होता है, तो उपद्रवियों से इसकी वसूली के लिए एक सख्त कानून बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस कानून को मंजूरी दे दी गई।
गौर हो कि लोकसभा चुनाव को लेकर जल्द ही देश भर में आचार संहिता लगने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार का पूरा फोकस लोकसभा चुनाव से पहले जरूरी योजनाओं और कार्यों को मंजूरी देना है। जिससे जनता में सरकार की विकास की छवि बनी रहे। ऐसे में धामी सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में आठ महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी है। जिसके बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी।
कैबिनेट के अहम फैसले
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विभाग सुमाड़ी, श्रीनगर को तकनीकी शिक्षा विभाग की 5.335 एकड़ भूमि निशुल्क होगी स्थानांतरित।
उत्तराखंड आवास नीति में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब लाभार्थियों को डेढ़ लाख रुपए की धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। इससे पहले एक लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती थी।
न्याय विभाग के अंतर्गत चार जनपदों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में चाइल्ड और जनरल कॉउंसलर की नियुक्ति की जाएगी।
औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत संयुक्त निदेशक खनन व संयुक्त निदेशक जीओलॉजी को अब संयुक्त निदेशक नाम से जाना जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों में अभी भर्ती पर रोक लगी है। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत इस हेतु पहले से कमेटी गठित है। यही कमेटी माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों में भर्ती को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी।
वित्त विभाग के अधीनस्थ लेखा संवर्ग के कर्मियों के अधिकार वित्त विभाग के अधीन ही होंगे। इसके लिए एक सम्मिलित कैडर बना दिया गया है।
समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत अनसूचित जाति दशमेतर छात्रवृत्ति योजना में मिलने वाली छात्रवृत्ति की धनराशि को बढ़ाया गया। केंद्र सरकार द्वारा जो संशोधन इस हेतु किये गए हैं, उसे राज्य द्वारा अंगीकृत किये जाने को मंजूरी कैबिनेट द्वारा प्रदान की गई।
गृह विभाग के अंतर्गत दंगों और अशांति मामलों में सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति वसूली, नुकसान पहुंचाने वालों से की जाएगी। इसके लिए एक क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। इसके लिए शीघ्र अध्यादेश बनाने को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की है।