आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें छात्र : धामी

रुड़की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 175 वर्ष पूर्ण होने पर में राष्ट्रीय सेवा योजना आईआईटी रुड़की इकाई के सस्टेनिबिलीटी सम्मेलन का शुभारंभ किया। धामी ने छात्र छात्राओं से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देने के लिये प्रेरित किया। तीन दिवसीय इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा संकट, जल की कमी जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही प्रतिभाशाली दिग्गज और अनुसंधानकर्ताओं को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दुनिया जब दुनिया शिक्षा के विषय में जानती भी नहीं थी तब इस देश में विविद्यालय खुले थे जहां देश-विदेश से हजारों छात्र ज्ञान प्राप्त करने के लिए आते थे उन्होंने कहा कि सतत विकास ही समस्याओं का निदान है। सतत विकास से ही सभी समस्याओं का निदान संभव है। वर्तमान की जरूरत ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखते हुए जो योजनाएं बनाई जाती हैं उन्हीं से अनवरत विकास संभव है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सतत विकास के लिए सरकार की ओर से जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण आदि मुद्दों पर नीतियों और परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने छात्रों से नेता बनने का आह्वान करते हुए कहा कि आप विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के छात्र हैं। आपकी इस क्षेत्र में विशेषज्ञता है। आप राजनीति के अलावा भी इस क्षेत्र का नेतृत्व करें। अपने को श्रेष्ठ साबित करें। अपने समय के एक-एक पल और लक्षण का सदुपयोग करें, तभी हम आत्मनिर्भर और क्षेष्ठ भारत के निर्माण का सपना साकार कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह यहां भाषण देने नहीं आए हैं, बल्कि छात्रों से अपने अनुभव साझा करने के लिए आए हैं। जो भी बच्चा जीवन में आगे बढ़ता है उससे उसके परिवार वालों को ही नहीं पास पड़ोस गली मोहल्ले और नगर वासियों की भी उम्मीद बढ़ती है। इन उम्मीदों पर आपको खरा उतरना है।
जूना अखाड़े के महामंडलेर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम दोंनो ही साधक हैं आप पदार्थ और सूक्षम तत्वों के साघक हैं और संन्यासी अन्त:साधना करता है। हमारे ऋषिमुनियों ने जो हमारे ऋिषियों ने अन्त: में उतरकर दुनिया को आध्यात्म और भारतीय संस्कृति की अमूल्य पूुंजी दी है। आपमें भी क्षमता है। आप आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए नौकरी करने की बजाए मालिक बने और देश को आगे ले जाए। इससे पूर्व सीएम पुष्कर सिंह धामी, महामंडलेर स्वामी यतींद्रानंद गिरि, विधायक प्रदीप बत्रा, निदेशक अजीत के चतुव्रेदी आदि ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

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