शिक्षा को विद्यार्थी केंद्रित व गुणात्मक सुधार की आवश्यकता : मुख्यमंत्री

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बालिकाओं का ड्रापआउट कम करने के हों प्रयास
ट्रांसफर सरलीकरण प्रक्रिया का कार्मिक विभाग करे परीक्षण
हर विकास खंड से भारत भ्रमण पर जाएंगे 50 छात्र
देहरादून। शिक्षा पण्राली में गुणात्मक सुधार के साथ शिक्षा व्यवस्था को विद्यार्थी केन्द्रित बनाया जाए। गुणात्मक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए साथ ही बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने और स्कूलों से बालिकाओं के ड्राप आउट को कम करने के लिए छात्रावासों को और अधिक बढ़ावा दिया जाए। यह निर्देश आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागीय समीक्षा बैठक में दिये।

उन्होंन कहा कि बच्चों के स्कूल बैग का बोझ कम किया जाए। सप्ताह में बस्ता मुक्त दिवस पर विद्यार्थियों को नैतिकता पर आधारित शिक्षा प्रदान की जाए। सचिवालय में आयोजित बैठक में सचिव शिक्षा द्वारा शिक्षकों के ट्रांसफर में आ रही विभिन्न कठिनाइयों तथा शिक्षा विभाग में ट्रांसफर प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए बनाई जा रही नीति के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक में व्यावसाय आधारित शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चत किया जाए कि सभी स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था पर्याप्त मात्रा में हो। स्कूलों में जहां-जहां संभव है, सोलर पैनल की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने ट्रांसफर के सरलीकरण के लिए बनायी जा रही नीति का कार्मिक विभाग के स्तर पर पूरा परीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य हित में जो निर्णय सही होगा, वह किया जाएगा। सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अभिभावक सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए स्वयं प्रेरित हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के पूर्ण क्रियान्वयन के लिए तेजी से प्रयास किये जाएं। स्मार्ट और वचरुअल क्लास पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राज्य में चलाई जा रही मुख्यमंत्री गौरवशाली भारत भ्रमण योजना के तहत मेधावी विद्यार्थियों और उत्कृष्ट शिक्षकों को प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और तकनीकि संस्थानों में भ्रमण कराने की व्यवस्था का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जाए।

छात्र शैक्षिक भ्रमण योजना के तहत प्रत्येक विकासखण्ड से 50 मेधावी भारत भ्रमण पर भेजे जायेंगे। जिसमें 50 प्रतिशत छात्राएं शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विद्यार्थी उपहार योजना के तहत कक्षा 01 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क नोटबुक उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने विद्यालयों में समस्त भौतिक एवं मानव संसाधन उपलब्ध कराने, तकनीकी और डिजिटल शिक्षा, आवासीय छात्रावास, व्यावसायिक पाठय़क्रम और यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कलस्टर एवं पीएमश्री स्कूलों की स्थापना पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, रंजीत सिन्हा, कुलपति वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरू, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित शिक्षा एवं तकनीकि शिक्षा के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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