अतिथि शिक्षकों ने शिक्षण के अतिरिक्त कार्यो को लेकर जताई नाराजगी

सुरक्षित भविष्य, वेतन वृद्धि न होने के कारण विरोध

राकेश लाल

देहरादून। उत्तराखंड के माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ द्वारा विद्यालयों मे अतिथि शिक्षको से लिए जा रहे गैर शैक्षणिक कार्यो पर नाराजगी जाहिर की है।

माध्यमिक अतिथि शिक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश धामी का कहना है कि अतिथि शिक्षकों का जनवरी माह मे आधा महीने का वेतन काटा गया है, इसके साथ मई अंत का वेतन पांच दिन, व पूरे जून माह का उनका वेतन काटा गया है। और जुलाई का वेतन अभी आया नही है, इसके बावजूद उनकी चुनाव में ड्यूटीयाँ लग गई है।

अतिथि शिक्षकों कि आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण प्रदेश में कई जनपदों से अतिथि शिक्षकों द्वारा चुनाव में ड्यूटी ना लगाए जाने की मांग की गई। क्योंकि जुलाई का वेतन भी उनको अगस्त के महीने मिलता है।

प्रदेश महामंत्री राजपाल रावत द्वारा नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति शैक्षिक कार्यो के लिए कि गई थी।उनको केवल शिक्षण कार्यो के लिए विद्यालय में लगाया गया है। जबकि विद्यालय स्तर पर उनसे शिक्षण कार्यो के अतिरिक्त अनेक प्रकार के कार्य लिए जा रहे है। अतिथि शिक्षक उसे पूरे मनोभाव के साथ कार्य कर भी कर रहे हैं। परंतु दस साल बीत जाने के बाद भी अतिथि शिक्षकों का भविष्य अधर में लटका रखा है।

संगठन के प्रदेश प्रवक्ता राकेश लाल ने बताया कि बहुत से अतिथि शिक्षक अपने जनपदों से बाहर नियुक्त है और वह राज्य के दुर्गम अति दुर्गम विद्यालयों मे शिक्षण सेवाएं दे रहे है। वही उनका वेतन जनवरी, मई और जून माह में काटा जाना चिंतनीय है।

विद्यालयों मे इन महीनों भले अवकाश हो, परंतु नियुक्ति क्षेत्र में निवासरत अतिथि शिक्षकों को इन महीनें में भी कमरे का किराया, बिजली का किराया, गाड़ी का किराया आदि अनेक खर्चों का सामना करना पड़ता है। साथ ही अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित किए बिना उनसे गैर शैक्षणिक सेवा लेना न्यायोचित नही है। प्रदेश संगठन ने सरकार से अतिशीघ्र भविष्य सुरक्षित करने एवं वेतन वृद्धि करने की माँग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *