देहरादून। भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। इसलिए अब सोशल आडिट को 3 साल के बजाय 1 साल में कराया जाएगा। ग्राम्य विकास मंत्री गणोश जोशी ने बुधवार को सचिवालय में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक में यह बात कही।
इस अवसर पर विभिन्न जिलों से आए उत्तराखंड राज्य रोजगार गारंटी परिषद के नामित सदस्यों द्वारा महात्मा गांधी नरेगा को राज्य के अंतर्गत अधिक बढ़ावा दिए जाने के लिए ब्लाक स्तर पर स्टाफ, कंप्यूटर आपरेटर, जेई की नियुक्ति, ग्राम स्तरों पर मनरेगा के तहत स्वच्छता कायरे के अंशदान को बढ़ाए जाने, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत मनरेगा के तहत मजदूरी करने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़ाए जाने, प्रत्येक पंचायत के मनरेगा के तहत विकास कार्य का टारगेट फिक्स किए जाने, निर्माण सामग्री में मिलने वाले अंशदान को बढ़ावा दिए जाने, जैसे विभिन्न ¨बदुओं पर कार्य किए जाने की बात कही। जिस पर ग्राम्य विकास मंत्री गणोश जोशी ने शीघ्र कार्रवाई का आासन दिया।
ग्राम्य विकास मंत्री गणोश जोशी ने कहा कि आधार आधारित भुगतान प्रक्रिया में श्रमिकों के आधार और बैंक खातों की शत प्रतिशत सीडिंग और मै¨पग किया जाए। ताकि श्रमिकों को भुगतान के समय परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
ग्राम्य विकास मंत्री गणोश जोशी ने कहा कि अनुदान भुगतान की प्रक्रिया के सरलीकरण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा 3 साल में होने वाले सोशल अडिट से कई परेशानियों आ रही हैं। अब सोशल अडिट की अवधि 3 साल से घटाकर 1 वर्ष किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा कार्य की मनिटरिंग प्रत्येक स्तर पर हो इस पर भी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा मनरेगा में श्रमिकों को मिलने वाली मजदूरी बढ़ाई जाए इसके लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा।