आधुनिक तकनीक के साथ परंपरागत खेती को मिले बढ़ावा

सचिवालय में कृषि, उद्यान और सहकारिता विभाग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
देहरादून।  राज्य में कृषकों की आय बढ़ाने के लिए ज्ञान-विज्ञान के साथ परंपरागत खेती को बढ़ावा दिया जाए। जिन क्षेत्रों में किसान अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्हें उसी क्षेत्र में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनका परिणाम धरातल पर दिखे। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट का भी सही तरीके से उपयोग हो और लोगों की आजीविका भी बढ़े। यह निर्देश मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कृषि, उद्यान और सहकारिता विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कृषि और उद्यान के क्षेत्र में आर्थिकी बढ़ाने के लिए नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए। कलस्टर आधारित खेती और मिलेट को बढ़ावा दिया जाए। पालीहाउस के निर्माण में तेजी लाई जाए। एरोमा, एप्पल मिशन, कीवी मिशन के साथ ही पारंपरिक उत्पादों और फलों के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जाएं। नाशपाती, पुलम, माल्टा, नारंगी, आड़ू के उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। औषधीय पादपों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कृषकों को जागरूक किया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सहकारिता के क्षेत्र में लोगों को उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। वैल्यूचैन सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। आगामी 05 साल में प्रदेश की सभी ग्राम सभाओं को पैक्स से जोड़ा जाए। किसानों की सुविधा के लिए ई-रुपी की व्यवस्था  अप्रैल  के प्रथम सप्ताह में शुरू की जाएगी। सगंध फसलों डेमस्क रोज, तिमरू, दालचीनी, लेमनग्रास और मिंट को राज्य में तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। उच्च मूल्य वाली सगंध फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। आईटीबीपी और सेना से ताजे पदाथोर्ं की बिक्री की व्यवस्था की गई है।

बैठक में कृषि मंत्री गणोश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्धन, प्रमुख सचिव  आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, एसएन पाण्डेय,  विनय शंकर पाण्डेय, रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव सोनिका, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीपीपीजीजी  मनोज पंत और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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