एक साथ जली सात चिताएं, तीन की गांव में ही अंत्येष्टि

सेना के दो जवानों की सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, हरेक की आंख नम

बागेरसोर। होकरा मांता के मंदिर जाते समय दुर्घटना में मारे गए सात लोगों की अंत्येष्टि सरयू तट पर की गई। जबकि भनार के तीन मृतकों की अंत्येष्टि गांव में की गई। मृतकों में सेना के दो जवानों को कौसानी से आई सेना की टुकड़ी ने अंतिम सलामी दी। एक साथ सात चिताओं को देखर सैकड़ों लोगों की आंख नम थी और सभी ने अश्रुपूरित विदाई दी।

गौरतलब है कि बृहस्पतिवार सुबह होकरा मंदिर जाते वक्त शामा- तेजम मोटर मार्ग में हुई बोलेरो दुर्घटना में शामा के सात व भनार के तीन लोगों की मौत हो गई थी। घटना स्थल पर ही पोस्टमार्टम करने के बाद पिथौरागढ़ प्रशासन ने घटना के दिन ही शव परिजनों को सौंप दिए थे। इनमें से सेना के जवान शंकर सिहं व सुंदर सिंह को कौसानी से नायब सूबेदार दीप चंद्र के नेतृत्व में आई टुकड़ी ने शस्त्र उल्टे कर अंतिम सलामी दी।

इस दौरान कपकोट के विधायक सुरेश गड़िया, जिलाधिकारी अनुराधा पाल,पूर्व विधायक बलवत सिंह भौर्याल, ललित फस्र्वाण, भाजपा जिलायक्ष इंद्र सिंह फस्र्वाण, पूर्व जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, अपरजिलाधिकारी सीएस इमलाल, सैनिक कल्याण अधिकारी जीएस बिष्टआदि ने मृतक सेना के जवानों को पुष्प चक्र अर्पित किए तथा अन्य मृतक किशन सिंह, धरम सिंह ,कुंदन सिंह ,निशा , उमेश सिंह,शंकर सिंह व  सुन्दर सिंह के शव पर पुष्प अर्पित करके शोक व्यक्त किया। कपकाषट विधायक सुरेश गड़िया ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की तथा तथा सहयोग का भरोसा दिया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार दुखकी घड़ी में उनके साथ है तथा हरसंभव मदद दिलाई जाएगी। जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने वाहन दुर्घटना में मारे गए सभी मृतकों के परिजनों से मुलाकात करके उन्हें ढाढ़स बंधाया तथा कहा कि कपकोट के उपजिलाधिकारी को प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करने को कहा गया है। कहा कि दुख की इस घड़ी में प्रशासन उनके साथ है।

इस मौके पर ब्लाक प्रमुख गोविन्द सिंह दानू, कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगत डसीला, विक्रम शाही, अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, उपजिलाधिकारी हरगिरि, मोनिका,पुलिस उपाधीक्षक एसएस राणा, सैनिक कल्याण जीएस बिष्ट,सहायक सैनिक कल्याण अधिकारी आरसी तिवारी, समेत अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं तमाम लोग मौजूद थे। ग्रामीणों के अनुसार भनार के तीन शवों महेश सिंह, वाहन चालक कुशाल सिंह व दानसिंह का अंतिम संस्कार गांव के ही श्मशान घाट में किया गया।

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