गुजरात सहित तीन राज्यों में प्रतिबंधित होने का किया दावा
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा सरकार पर सरकारी संस्थानों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने एम्स ऋषिकेश में गुजरात के गांधीनगर बेस राजदीप इंटरप्राइस को मानव संसाधन की जिम्मेदारी देने को इसका बड़ा उदाहरण बताया है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में माहरा ने कहा कि राजदीप इंटरप्राइस नामक जिस कम्पनी को ऋषिकेश जैसे वि स्तरीय चिकित्सा संस्थान में मुख्य काम सौंपा गया है वह न्यायालय के आदेश पर तीन प्रमुख राज्यों क्रमश: गुजरात, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में ब्लैक लिस्टेड है।
अहमदाबाद म्युनिसिपल करपोरेशन द्वारा संचालित टड हास्पिटल में पैसों की अनियमितता तथा नसिर्ंग स्टाफ की तनख्वाह में की गई हेराफेरी के चलते कोर्ट द्वारा इस फर्म को ब्लैक लिस्ट किया गया था। इसके बाद भी इस फर्म को एम्स में बड़ी जिम्मेदारी दी गई। कम्पनी ने आते ही अपना रंग दिखाना शुरू भी कर दिया जब 1200 नसिर्ंग स्टाफ में से 600 पदों पर केवल राजस्थान के लोगों को भर दिया गया तथा एक ही परिवार के 6 लोगों को रोजगार दे दिया।
माहरा ने कहा कि यह न केवल भ्रष्टाचार की बानगी है अपितु उत्तराखण्ड राज्य के प्रशिक्षित बेरोजगार नौजवानों के साथ भी छल भी है। माहरा ने कहा कि भाजपा शासन में एम्स पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। पहले भी एम्स में वेसल सीलिंग उपकरणों की खरीद में भारी वित्तीय अनियमितता के चलते मुकदमा दर्ज हुआ, सीबीआई, अपराध निरोधक शाखा द्वारा इसकी जांच भी की गई थी, लेकिन उसकी जांच कहां तक पहुंची किसी को पता नहीं है। उन्होंने कहा कि 2018 में एम्स में कंकाल और हड्डियों की खरीद तथा मेडिकल उपकरणों की खरीद में भी भारी घोटाले के चलते करोड़ों का चूना लगाया गया। इसकी जांच भी सीबीआई द्वारा की गई परन्तु उसका भी अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भाजपा की भ्रष्ट सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
माहरा ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में बढ़ रही अपराध की घटनाओं से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य की कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा चुकी है तथा अपराधियों के मन से कानून का भय समाप्त हो गया है। अराजकतत्वों व अपराधी प्रवृत्ति के लोगों में उत्तराखंड पुलिस व प्रशासन का डर समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि देहरादून में लूट व महिलाओं के साथ घट रही अपराध की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड की जांच में सरकार एक भी कदम आगे नहीं बढ़ पाई है। सत्ताधारी दल के नेता की संलिप्ता के चलते सरकार सीबीआई से जांच कराने में कतरा रही है।
प्रस्तावित इन्वेस्टर सम्मिट पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि चाहे भाजपा की केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकारें वे केवल इन्वेस्टर सम्मिट के नाम पर जनता व बेरोजगार नौजवानों को गुमराह कर रही हैं। राज्य सरकार पहले यह बताये कि 2018 की इन्वेस्टर समिट में हुए 1 लाख 25 हजार करोड़ के एमओयू में से कितने के प्रस्ताव धरातल पर उतरे तथा कितना रोजगार मिला। उन्होंने सवाल किया कि सरकार यह भी बताये कि नारायण दत्त तिवारी के प्रयासों से स्थापित सिडकुल से कितने उद्योग वापस चले गये।