कोटद्वार। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में शुक्रवार को कोटद्वार कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी तीनो आरोपियों को दोषी करार दिया। तीनों ही दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
इस मामले में जांच में जुटी एसआईटी टीम ने 500 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की थी। करीब ढाई साल बाद अंकिता भंडारी हत्याकांड का फैसला आया है। वहीं, कोर्ट के जजमेंट से पहले अंकिता भंडारी की मां और पिताजी का बयान सामने आया।
अंकिता की मां सोनी देवी कोर्ट का फैसला आने से पहले फूट फूटकर रो पड़ीं और अंकिता के लिए इंसाफ की मांग की.। उन्होंने कहा कि वो चाहती हैं कि अंकिता के हत्यारों को फांसी की सजा हो। वहीं अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने भी लोगों से अपील की है कि वो अंकिता को इंसाफ दिलाने में उनके साथ खड़े रहें और तीनों आरोपियों को मौत की सजा मिले।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट गांव की रहने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के पास गंगा भोगपुर में वनंतरा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम किया करती थी। बीते 18 सितंबर 2022 को अंकिता अचानक रिसोर्ट से लापता हो गई। परिजनों ने राजस्व पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन उचित कार्यवाही ना होने के चलते. 21 सितंबर 2022 को मामला लक्ष्मण झूला थाना पुलिस को ट्रांसफर किया गया। 21 सितंबर 2022 को मुख्य आरोपी रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और डिप्टी मैनेजर अंकित गुप्ता की गिरफ्तारी हुई।
बीते 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव ऋषिकेश की चीला नहर से बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत और शरीर पर चोट के निशान भी पाए गए। 24 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर टीम का गठन किया गया। अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य, और उसके भाई अंकित आर्य को पद मुक्त करते हुए भाजपा से निष्कासित कर दिया गया।