आपरेशन कालनेमि : 2448 पाखंडियों की पहचान, 140 गिरफ्तारियां

377 संदिग्ध चिह्नित, भगवा चोले की आड़ में ठगने पर 222 आरोपितों पर कार्यवाही शुरू
आपरेशन कालनेमि का उद्देश्य उत्तराखंड की शांति, सुरक्षा व संस्कृति की रक्षा करना : सीएम
देहरादून। प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के 13 जिलों में भगवा चोले की आड़ में पाखंडी व फर्जी साधुओं की धरपकड़ के लिए शुरु किए गए आपरेशन कालनेमि के तहत अब तक 2448 पाखंडियों की पहचान की गई है, जबकि 140 को गिरफ्तार किया गया है। इसी के साथ 377 संदिग्धों को चिह्नित किया गया है और भगवा चोले की आड़ में पहचान छिपा कर लोगों को ठगने पर 222 आरोपितों पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इस अभियान के तहत संवेदनशील क्षेत्रों में पहचान पत्र, निवास प्रमाण और दस्तावेजों की भी गहन जांच की जा रही है ताकि कोई ढोंगी बच न पाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी के मुताबिक पहले प्रदेश में लालच, भय या धोखे से धमार्ंतरण की घटनाएं प्रकाश में आती रहती थी, लेकिन सरकार ने ये स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखंड की धार्मिक स्वतंत्रता की मर्यादा को किसी भी कीमत पर लांघने नहीं दिया जाएगा।

वर्ष 2022 में पारित उत्तराखंड धर्म, स्वतंत्रता  अधिनियम, 2022 के तहत जबरन धमार्ंतरण को गैर-जमानती और सं™ोय अपराध घोषित किया गया। दोषियों को 2 से 10 वर्ष की सजा और 25000 से 10 लाख तक जुर्माना का प्रावधान किया गया है। हाल ही में छांगुर बाबा गिरोह के पांच सदस्यों के खिलाफ दर्ज मुकदमा भी इसी संकल्प का परिचायक है।

उनका कहना है कि  प्रदेश में भगवा चोले और धार्मिक पहचान की आड़ में लोगों को ठगी का शिकार बनने वाले और उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले तत्वों की तेजी से पहचान हो रही है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर चलाया गया आपरेशन कालनेमि एक ऐसा सशक्त अभियान है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड की शांति, सुरक्षा और संस्कृति की रक्षा करना है।

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