अब तक जनपद में 26 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ हो चुकी है कार्यवाही
रुद्रप्रयाग। बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी करने पर जनपद के एक और फर्जी शिक्षक को 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। अब तक जनपद के कुल 26 फर्जी शिक्षकों कारावास की सजा हुई है।
दरअसल, जनपद रुद्रप्रयाग में तैनात फर्जी शिक्षक लक्ष्मण सिंह रौथाण जनता इंटर कॉलेज देवनगर रुद्रप्रयाग द्वारा 2003 में फर्जी बीएड की डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी प्राप्त की गई। जब उक्त की बीएड की डिग्री का सत्यापन कराया गया तो सत्यापन के उपरान्त चौधरी चरण सिंह विविद्यालय मेरठ उत्तर प्रदेश से जांच आख्या प्राप्त हुई, जिसमें उपरोक्त विवविद्यालय से कोई भी बीएड की डिग्री जारी नहीं की गई थी। शासन स्तर से एसआईटी जांच भी कराई गई थी। जिसके आधार पर शिक्षा विभाग रुद्रप्रयाग द्वारा उक्त शिक्षक के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया।
फर्जी शिक्षक को तत्काल निलंबित कर तत्पश्चात बर्खास्त किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी के न्यायालय द्वारा उपरोक्त फर्जी शिक्षक लक्ष्मण सिंह रौथाण को फर्जी बीएड की डिग्री के आधार पर छल व कपट से नौकरी करने के संबंध में दोषी करार पाते हुए धारा भारतीय दण्ड संहिता 420 व 1860 के अन्तर्गत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा तथा दस हजार रूपये रुपये जुर्माने से दण्डित किया गया एवं जुर्माना अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
धारा 471 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अन्तर्गत दोषसिद्ध पाते हुए 2 वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रुपये रुपये जुर्माने से दडिण्त किया गया एवं जुर्माना अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतना होगी। दोषसिद्ध फर्जी शिक्षक लक्ष्मण सिंह रौथाण को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर दण्डादेश भुगतने के जिला कारावास पुरसाडी चमोली भेजा गया।
उक्त मामले में राज्य सरकार की ओर से पैरवी अभियोजन अधिकारी प्रमोद चन्द्र आर्य द्वारा की गई है। उन्होंने बताया कि अब तक जनपद रुद्रप्रयाग में पंजी.त 26 फर्जी शिक्षकों के मामले में सभी 26 फर्जी शिक्षकों को न्यायालय से दोषसिद्ध करते हुए दण्डित किया गया है।