देहरादून। हिंदुओं की धार्मिक आस्था का केंद्र और चार धाम में से एक बद्रीनाथ और उसके आस-पास 29 जून को ईद उल अजहा यानी बकरीद पर्व नहीं मनाया जाएगा। समाज के सभी वर्ग की बैठक में यह सुनिश्चित हुआ कि अल्पसंख्यक समुदाय यहां से 45 किलोमीटर की दूरी पर जोशीमठ में अपना त्योहार मनाएगा।
बद्रीनाथ में बकरीद नहीं मनाने का यह निर्णय मंगलवार को बद्रीनाथ पुलिस स्टेशन में पुजारी समुदाय के सदस्यों, होटल संघों, बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत विकास कार्यों में शामिल कंपनियों और मुसलमानों की एक बैठक में लिया गया। हाल ही में उत्तरकाशी जिले के पुरोला और बारकोट कस्बों में सांप्रदायिक तनाव के बाद यह फैसला लिया गया है। उत्तराखंड के पुरोला और बारकोट में कथित लव जिहाद के एक मामले के बाद मुस्लिम दुकानदारों को अपनी दुकानें खाली करने और हमेशा के लिए चले जाने के लिए कहा गया था।
आगामी बकरीद त्योहार के सिलसिले में बद्रीनाथ पुलिस के निमंत्रण पर बद्रीनाथ होटल असोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता के नेतृत्व में होटल व्यवसायियों का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस स्टेशन पहुंचा।बैठक में पुजारियों, ठेकेदारों और मुस्लिम प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया था।
होटल व्यवसायी विशेश्वर प्रसाद नैथानी ने हमारे सहयोगी टीओआई को बताया कि सभी पक्षों के विचार सुनने के बाद निर्णय लिया गया कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य जोशीमठ में नमाज अदा करेंगे। किसी भी विवाद या फिर किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया।