नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन दारोगा भर्ती मामले में एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग की विशेष अपील पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायामूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया है।
मामले के अनुसार एकलपीठ ने गत 22 जून को अंतरिम आदेश जारी कर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से संचालित वन दारोगा भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इस आदेश को चयन आयोग ने खण्डपीठ में चुनौती दी। इस पर आज सुनवाई हुई। मामले को कुछ अभ्यर्थियों ने चुनौती देते हुए कहा था कि आयोग ने फॉरेस्टर के 316 पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की।
अप्रैल 2021 में लिखित परीक्षा कराई। इस बीच परीक्षा में भर्ती घोटाला सामने आया और बड़े स्तर पर नकल की पुष्टि के बाद आयोग ने भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की। लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिए सफल उम्मीदवारों का चयन कर लिया। इस भर्ती प्रक्रिया को कुछ अभ्यर्थियों ने एकलपीठ में चुनौती दी। इस पर एकलपीठ ने रोक लगा दी।
सुनवाई के दौरान आज आयोग ने कहा कि 53000 से अधिक उम्मीदवारों ने भर्ती प्रक्रिया में भाग लिया है। ऐसे में नकल के आरोपितों की पहचान करना संभव नहीं है। कुछ अभ्यर्थियों की वजह से भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न नहीं हो पाई। इससे अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। इसलिए एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने एकलपीठ का आदेश निरस्त कर दिया है।