हरिद्वार के संतों ने भी किया देश का नाम बदलने का स्वागत
देहरादून। देश के नाम को लेकर छिड़े महासंग्राम के बीच बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्ष पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि हम हमेशा से जब भारत माता की जय बोलते रहे हैं तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को देश का नाम भारत होने पर आपत्ति क्यों हैं क्यों वह सनातन धर्म की महत्वता और अस्तित्व को स्वीकार करने को तैयार नहीं है?
देहरादून। देश के नाम को लेकर छिड़े महासंग्राम के बीच बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्ष पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि हम हमेशा से जब भारत माता की जय बोलते रहे हैं तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को देश का नाम भारत होने पर आपत्ति क्यों हैं क्यों वह सनातन धर्म की महत्वता और अस्तित्व को स्वीकार करने को तैयार नहीं है?
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच हमेशा राष्ट्रीयता की सोच रही है हमारे लिए हमारा राष्ट्र ही सर्वाेपरि है जो राष्ट्र विरोधी सोच रखते हैं वहीं भारत का विरोध कर रहे हैं उन्होंने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति को स्वीकार न करने वाले लोग सनातन धर्म के विरुद्ध आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की सोच प्रसांगिक है। स्टालिन और खड़गे जैसे नेता सनातन को लेकर जिस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं वह विपक्षी गठबंधन की सनातन और भारत विरोधी सोच का परिचायक है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे नेताओं का इस पर चुप्पी साधना और इसका खंडन न करना यही बताता है कि यह विपक्षी गठबंधन की सामूहिक सोच है और इस पर इन सभी नेताओं की मौन स्वीकृति है।
उधर हरिद्वार के उन तमाम साधु संतों ने जो अब तक स्टालिन द्वारा सनातन को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, द्वारा देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने की सरकार की सोच का समर्थन किया है। अखाड़ा परिषद के संत रवींद्र पुरी का कहना है कि इंडिया शब्द गुलामी की मानसिकता का परिचायक है इसलिए देश के नाम से इंडिया को हटाना और सिर्फ भारत रखा जाना एक अच्छा फैसला है हम इसका स्वागत करते हैं।