बृद्धावस्था पेंशन के लिए 20 साल से छोटे पुत्र की शर्त खत्म

अब प्रदेश में करीब 67 हजार वृद्ध-वृद्धा  वृद्धावस्था पेंशन के पात्र हो जाएंगे
देहरादून। जिस अजीबोगरीब शर्त की वजह से अधिकांश गरीब वृद्ध वृद्धावस्था पेंशन के लिए अपात्र हो गए थे उसे अब खत्म कर दिया गया है। असल में बीते दिनों प्रदेश सरकार ने ऐलान किया कि अब गरीब परिवार के केवल एक वृद्ध तो ही नही बल्कि उसकी वृद्ध पत्नी को भी वृद्धावस्था पेंशन दी जाएगी। लेकिन इसमें यह शर्त लगा दी कि उनका पुत्र 20 साल से ऊपर नहीं होना चाहिए। ऐसी अजीबोगरीब शर्त के कारण अधिकांश बुजुर्ग  वृद्धावस्था पेंशन के लिए अपात्र हो गए क्योंकि शायद ही कोई वृद्ध हो जिसके बच्चे 20 साल से कम के हों।
शनिवार को अपने यमुना कॉलोनी स्थित आवास में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में समाज कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने यह जानकारी दी और बताया कि इस बाबत प्रमुख सचिव समाज कल्याण एल फैनई ने शासनादेश भी जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत वे लाभार्थी भी पेंशन के पात्र होंगे जिनके पुत्र- पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु के हो, किन्तु वे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहें हो तथा ऐसे पात्र लाभार्थी जिनके आश्रित पुत्र या पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु के हों तथा उनकी सभी स्रेतों से परिवार की मासिक आय 4000 रुपये तक हो। उन्होंने कहा शासनादेश के संशोधन के बाद अब प्रदेश में करीब 67 हजार वृद्ध-वृद्धा  वृद्धावस्था पेंशन के पात्र हो जाएंगे।

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