2 साल तक अधिकारियों ने नहीं लिया कोई संज्ञान
देहरादून। बीज प्रमाणी करण घपले की फाइल पूर्व अपर सचिव रामविलास यादव की टेबल से गायब होने और 2 साल तक सचिवालय में बैठे अधिकारियों द्वारा उक्त मामले में कोई कार्यवाही न करने का खुलासा होने पर शासन-प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
अब इस मामले की दूसरी फाइल तैयार करने के आदेश सीएम द्वारा दिए जाने से इस बड़े भ्रष्टाचार के मामले में आय से अधिक संपत्ति के केस में जेल में पड़े पूर्व आईएएस रामविलास यादव की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश कैडर से उत्तराखंड कैडर में आने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी रामविलास यादव आय से अधिक संपत्ति रखने की केस में अपने रिटायरमेंट से चंद दिन पूर्व ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। उन पर यूपी व उत्तराखंड में अपने सेवाकाल में तमाम अनियमितताओं का आरोप है तथा आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
अक्टूबर 2020 में वह जब कृषि विभाग में अपर सचिव के पद पर तैनात थे तब उनकी टेबल पर बीज प्रमाणी करण घोटाले की एसआईटी जांच संबंधित यह फाइल पहुंची थी जो गायब हो गई। इसके साथ ही इसकी भी जांच प्रक्रिया रुक गई अब इसका खुलासा सूचना आयुक्त कार्यालय के संज्ञान लेने तथा आरटीआई के तहत जानकारी मांगे जाने पर हुआ है।
यह हैरान करने वाली बात है कि इतने बड़े घोटाले जिसके तार उत्तर प्रदेश तक फैले हैं, कि जांच फाइल गायब होने के मामले में किसी अधिकारी द्वारा 2 साल तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इस पर कांग्रेसी नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा है कि यही तो है भाजपा का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस। उनका कहना है कि वह भी सरकार ने नहीं अब सूचना आयुक्त ने इस पर संज्ञान लिया है जो हैरान करने वाला है।