चमोली जिले के 80 गांव वर्फबारी से आच्छादित

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गोपेर/पोखरी। चमोली जिले में भारी वर्फबारी और बारिश से जनजजीवन घरों में ही सिमट कर रह गया। जिले के 70 से 80 गांव वर्फ से आच्छादित हो गए हैं। वर्फबारी से गोपेर-चोपता तथा बदरीनाथ हाईवे हनुमान चट्टी से आगे अवरूद्ध हो गया है।

चमोली जिले में भी मौसम के बिगड़े मिजाज के बीच रविवार को घाटी वाले क्षेत्रों में झमाझम बारिश और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जमकर वर्फबारी होती रही। इसके चलते जनजीवन घरों में ही सिमट कर रह गया। जिला मुख्यालय पहुंचने वाली खबरों में बताया गया कि चमोली जिले में बदरीनाथ, फूलों की घाटी, हेमकुंड साहिब, औली, रू द्रनाथ, अनुसूया देवी, नंदा देवी, रू पकुंड, दूधातोली पर्वत श्रृंखला, मोहनखाल, उर्गम घाटी, नीती तथा माणा घाटी, घाट, देवाल, नारायणबगड़, गैरसैंण, पोखरी, दशोली आदि पहाड़ियां वर्फ से लकदक हो गई हैं। इससे मवेशियों के लिए चारे की समस्या पैदा हो गई है। उच्च हिमालयी क्षेत्र से सटे गांवों में तो लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

वर्फबारी का सितम जारी रहने से ठंड लोगों का पीछा नहीं छोड़ रही है। कई इलाकों का संपर्क भी इस कारण टूट गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी के अनुसार चमोली जिले के 70 से 80 गांवों के वर्फ से आच्छादित होने की खबर है। उन्होने कहा कि प्रभावित गांवों को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। उनके अनुसार वर्फबारी से गोपेर-चोपता तथा बदरीनाथ हाईवे हनुमान चट्टी से आगे अवरूद्ध हो गया है।

पोखरी।   क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदलने से सुबह से जोरदार वारिश के कारण कड़ाके की ठंड पड़ने से लोग घरों में दुबकने को मजबूर है। बारिश काश्तकारों की गेहूं, जौ,सरसों ,रबी की फसलों से लिए वरदान साबित हो रही है। क्षेत्र में सुबह से जोरदार वारिस के कारण कड़ाके की ठंड बढ़ गई है।

ऊंचाई वाले स्थानों तुंगनाथ की चोटियों पर वर्फवारी कड़ाके की ठंड से बचने के लिए जहां लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं वहीं यह वारिश काश्तकारों की रबी की फसलों गेहूं, जौं सरसों के लिए वरदान साबित हो रही है । नगर पंचायत द्वारा लोगों को ठंड से राहत देने के लिए डामर, गोल मार्केट और विनायकधार में अलाव की व्यवस्था की गई है ।

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